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सहाराना काम 4 दिन तक कुत्ते को ढूंढती रही…. मिलने पर परिजन खुश………..

वर्तमान समय में इन्हें फिल्मों में एक वफादार जानवर के रूप में दिखाया जाता है. कई फिल्मों में कुत्ते मुख्य भूमिका में भी देखते है।  प्राचीन काल में कुत्तो को पालने के मुख्य लाभ थे. कुत्तो का वफ़ादार होना और बचे हुए खाने को कुत्ते खा लेते थे. शिकार में कूत्तो की संवेदनशील सूघने की शक्ति का भी लाभ मिलता था. अजनबी या किसी संकट के दौरान आवाज करके सबको सर्तक कर देना आदि कारणों से इन्हें साथ रखा जाता था. हमें मानव जीवन के हज़ारों साल के विकास के दौरान ही देखने को मिल गया था और तबसे ही इंसान और कुत्ते आपस में मिल कर रहने लगे थे और ये रिश्ता धीरे धीरे बहुत ही मज़बूत बंधन में तब्दील हो गया| मानव ने कुत्तों को पालना करीब 30,000 वर्ष पहले शुरू कर दिया था और तबसे ये सम्बन्ध और मज़बूत ही होता गया है। एक ऐसा ही किस्सा सामने आया है।

मुखानी क्षेत्र में दोनहरिया के पास भट्ट कॉलोनी में प्रिया डॉग एसेसरीज नाम से एक दुकान है। जहां ऊंची नस्ल के कुत्ते बिक्री के लिए रखे जाते हैं। यानी यहां सिर्फ महंगे कुत्तों को रखा जाता है। 8 अक्टूबर को सेंटर के मालिक अमिताभ बिज ने पुलिस को सूचना दी कि उनका जर्मन जीप नस्ल का 3 साल का कुत्ता लापता हो गया है। अमिताभ बिज और उनका परिवार डॉग लवर है। कुत्ते के लापता होने के बाद से पूरा परिवार काफी परेशान था। बाद में अमिताभ बिज ने मुखानी थाने में कुत्ते की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई।
रिपोर्ट दर्ज होते ही पुलिस ने कुत्ते की तलाश शुरू कर दी। पूरे इलाके के सीसीटीवी कैमरे खंगाले गए। गलियां चेक की गई। कुत्ते की तलाश में 6 पुलिसकर्मी लगाए गए। अब भई इतनी शिद्दत के बाद तो खुदा भी मिल जाता है तो फिर कुत्ता कैसे नहीं मिलता। सोमवार को किसी व्यक्ति ने सूचना दी कि लापता कुत्ता दोनहरिया रोड पर स्थित बीजेपी दफ्तर के नजदीक कूढ़े के ढेर के पास भटक रहा है। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई और कुत्ते को पकड़ लिया। इस तरह आखिरकार 4 दिन बाद मुखानी पुलिस अपने मिशन डॉग में कामयाब रही और कुत्ते को ढूंढकर उसके मालिक के हवाले कर दिया गया। बेजुबान के मिलने से अमिताभ विज और उनके परिवार के लोग बेहद खुश हैं। हालांकि कुत्ते की तलाश के लिए पुलिस ने जिस तत्परता से काम किया। उसे लेकर कई लोग मजे भी ले रहे हैं। लोग कह रहे हैं कि काश गुमशुदा लोगों की तलाश के लिए भी पुलिस इतनी ही सजगता से काम करती, तो कई परिवारों को सुकून मिल जाता