देहरादून:कोरोना का कहर देश और दुनिया में कहर ढ़हा रहा है जनजीवन अस्त-व्यस्त है। इस महामारी के कारण कई ट्रेंड बदल गए। ऑनलाइन क्लासेस हो या वर्क फ्राम होम,चाहे शादी-ब्याह जैसे मांगलिक कार्य सब कुछ बदल गया है। कही पीपीई किट पहनक दुल्हा-दुल्हन दिख रहे है।तो कहीं कोविड सेंटर में शादी हो रही है। अब प्रदेश में एक और अनोखी शादी सामने आई है। जिसने सात समुंदर पार की दूरियों को भी दूर कर दिया है।
आज हम आपको उत्तराखंड के हरिद्वार निवासी एक ऐसे कपल की कहानी बताने जा रहे हैं जिन्होंने कोरोना के कारण अपनी शादी के लिए दो साल तक इंतजार किया। हरिद्वार के रहने वाले सुशांत सक्सेना और हरिद्वार की रहने वाली रेशम आईआईटी पास आउट होने के बाद यूएसए के सियाटल सिटी में माइक्रो सॉफ्ट में काम कर रहे हैं। 2015 में दोनों की तैनाती एक ही कंपनी में हुई। दोनों की दोस्ती प्यार में बदली और बात शादी तक आ पहुंची। दोनों परिवारों ने शादी की तैयारियां शुरू की लेकिन बिगड़ते हालातों ने इनके सपनों पर पानी फेर दिया। तीन साल पहले होने वाली शादी को लेकर दोनों परिवारों ने इस बात पर रजामंदी बनाई की भले ही दोनों बच्चे भारत ना आ पा रहे हैं लेकिन की शादी अच्छे मुहूर्त में होनी चाहिए. लिहाजा सुशांत और रेशम ने यह यह मन बनाया कि वह 3 जून को शादी करेंगे। मगर समस्या यह थी कि भारत में बैठे दोनों ही बच्चों के परिवार इस शादी में कैसे शामिल होंगे?इंजीनियर दूल्हे ने इसके लिए अपना दिमाग लगाना शुरू कर दिया। फिर क्या था इसके बाद एक यादगार शादी हुई। जिसे खूब सराहा जा रहा है।
सुशांत ने यूट्यूब पर एक पेज बनाया। जिसका लिंक न केवल लड़की पक्ष बल्कि अपने पिता को भी दिया। तीन और चार जून की रात लगभग 2 बजे दोनों की शादी का मुहूर्त निकला. पूरी शादी का यूट्यूब पर लाइव प्रसारण किया गया। लड़का और लड़की पक्ष यह चाहते थे कि अगर वह वर्चुअल भी अपने बच्चों की शादी देखें तो दोनों परिवार एक साथ रहे।जिसके लिए दोनो परिवार एक साथ एकत्रित हुए
दोनों ही परिवारों ने एक कमरे में बैठकर एक बड़े से टीवी स्क्रीन पर दोनों बच्चों को शादी करता देखा. जिससे दोनों परिवार बेहद खुश दिखे पूरी शादी में दूल्हा-दुल्हन के अलावा मात्र एक पंडित ही शामिल था. शादी बिल्कुल हिंदू रीति रिवाज के अनुसार हुई। और इस तरह महज एक चाय के कप के साथ शुभ विवाह संपन्न हुआ। जिसे खूब सराहा जा रहा है।