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उत्तराखंड पुलिस की अपील: कपल चैलेंज डाल सकता है आप को मुसीबत में।

सोशल मीडिया के फायदे हैं तो कई नुकसान भी। सोशल मीडिया के जरिए सरकार-प्रशासन जनता से जुड़े रहते हैं, तो यही सोशल मीडिया अफवाहें फैलाने का जरिया भी बनता है। कायदे से इस्तेमाल ना हो तो ये ऐसा भष्मासुर है, जो आपका समय, प्रतिष्ठा, रिश्ते और जमापूंजी सब खत्म कर देता है। सोशल मीडिया पर उलजलूल चैलेंज जीतने की उतावली अपराधियों को खुला निमंत्रण दे सकती है। इसी चिंता ने उत्तराखंड पुलिस को फेसबुक पर लोगों के लिए एक स्पेशल मैसेज लिखने के लिए मजबूर कर दिया। अपने मैसेज में उत्तराखंड पुलिस ने लोगों को सोशल मीडिया पर चल रहे चैलेंजेज के फेर में ना पड़ने की सलाह दी।

 

मैसेज में क्या लिखा है, ये भी बताते हैं। सबसे पहले उस चैलेंज की बात करेंगे, जो इन दिनों बवाल काटे हुए है। जी हां वही कपल चैलेंज। लोग भर-भरकर अपनी निजी फोटो सोशल मीडिया पर अपलोड कर रहे हैं, लेकिन बाद में अगर किसी ने इन तस्वीरों का गलत इस्तेमाल किया तो फिर कौन जिम्मेदार होगा।

फेसबुक पर इन दिनों कपल चैलेंज चल रहा है। लोग #CoupleChallenge का उपयोग करके अपने पार्टनर के साथ फोटो पोस्ट कर रहे हैं। ज्यादातर ऐसे पोस्ट पब्लिक सेटिंग्स पर पब्लिक मोड पर हैशटैग का उपयोग करते हुए डाले जा रहे हैं। ऐसा करने से जो भी व्यक्ति उक्त हैशटैग पर क्लिक करता है। उसके पास ऐसी सभी फोटोज को लिस्ट खुल जाएगी। वह उसे बेहद आसानी से देख पाएगा अथवा डाउनलोड कर पाएगा। रविवार रात तक 29 लाख से ज्यादा पोस्ट्स हैशटैग की गई है।

साइबर क्राइम के मामले किस रफ्तार से बढ़ रहे हैं, ये हम सभी जानते हैं। फेसबुक पर अपनी पोस्ट में उत्तराखंड पुलिस ने लिखा कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कपल चैलेंज, मदर चैलेंज और फैमिली चैलेंज जैसे फोटो चैलेंज जोर पकड़ रहे हैं। इन चैलेंज के माध्यम से लोग अपनी निजी जानकारियां फोटो के माध्यम से साझा करते हैं, जो कि खतरनाक हो सकता है। कपल चैलेंज पर फोटो अपलोड करना घातक साबित हो सकता है। उत्तराखंड पुलिस के अनुसार अगर आप सोशल मीडिया पर अपनी पूरी डिटेल पोस्ट करते हैं तो साइबर अपराधियों द्वारा उसका गलत इस्तेमाल करने की संभावना बढ़ जाती है।

मोर्फ्ड इमेज की शिकार ज्यादातर महिलाएं

साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ आयुष भारद्वाज ने बताया कि इन फोटोज पर इमेज मॉर्फिंग का खतरा बन रहा है। भारद्वाज बताते हैं कि इमेज मॉर्फिंग के माध्यम से चेहरा किसी और का और बाकी शरीर किसी और का जोड़कर एक मॉर्फ इमेज बनाई जाती है। साइबर अपराधी इन मोर्फ्ड इमेज का उपयोग डेटिंग वेबसाइट ओर सोशल मीडिया पर फेक एकाउंट्स बनाने में करते हैं।

इन फेक एकाउंट्स के माध्यम से लोगों के साथ ठगी करते हैं। ज्यादातर मोर्फ्ड इमेज की शिकार महिलाएं होती हैं। आयुष भारद्वाज के अनुसार एक कारण यह भी है कि सोशल मीडिया बहुत सालों से फेस रिकॉग्निशन एलोगारिथम पर काम कर रहा है। इस प्रकार के हैशटैग उसी को मजबूत करने की दिशा में एक कदम है, इससे पहले भी टेन इयर्स चैलेंज नाम से ऐसा कैंपेन चला था। सोशल मीडिया का यह मैकेनिज्म कहीं न कहीं लोगों की प्राइवेसी के लिए बड़ा खतरा है।

सोशल मीडिया पर अपनी प्राइवेसी कैसे बचाई जाए

1. फ्रेंड लिस्ट में अनजान व्यक्तियों को तुरंत अनफ्रेंड करें।
2. फ्रेंड लिस्ट को “ओनली-मी” कर दें। निजी जानकारी सोशल मीडिया पर पोस्ट करने से बचें।
3. सोशल मीडिया की प्राइवेसी सेटिंग पर जाकर ऑफ सोशल मीडिया एक्टिविटी को क्लिक करें और फिर हिस्ट्री क्लियर कर दें।
4. अपनी पोस्ट और फोटोस की सेटिंग फ्रेंड्स ऑफ फ्रेंड्स या पब्लिक करने की बजाए केवल फ्रेंड्स कर दें।
5. प्रोफाइल पिक्चर लगाते समय प्रोफाइल गार्ड का उपयोग करें, ऐसा करने से पिक्चर को ना तो कोई डाउनलोड कर पाएगा और ना ही स्क्रीनशॉट ले पाएगा।