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शादी में बारातियों के स्वागत में फूल-मालाएं नहीं बल्कि मास्क व सेनेटाइज़र्स,सबने की इसकी सराहना

मुश्किल से मुश्किल हालत में भी खुद के वजूद को बनाये रखना, बेहद दुर्गम व निर्जन पहाड़ों पर जीवन को सृजन कर हमारे पूर्वजों ने जो यह हर हालत में ढल जाने की क्षमता हमे विरासत दी है उसके अंश आज भी हममे कहीं न कहीं नजर आते हैं, तभी तो आज भी हम तमाम असुविधाओं अविकास व प्राकृतिक आपदाओं की चुनौतियों को झेल कर भी हम अपने पहाड़ों पर बसे हैं अपने रीति रिवाज और संस्कृति बचाये हुए हैं।

हर परिस्थिति के अनुरूप ढल जाने की जो कला हम भारतीयों में है शायद ही वह कला इतनी निपुणता से कहीं और होगी, और आज इसी की एक बानगी फिर देखने को मिली जब ग्रामसभा सरपाणी जिला चमोली में एक बेटी रेखा नेगी का विवाह हुआ बारात ग्राम भेटी वीरेन्द्र कठैत के यहा से आयी, सब कुछ सामान्य ही था लेकिन घराती इस विवाह में बारातियों के स्वागत में फूल-मालाएं नहीं बल्कि मास्क व् सेनेटाइज़र्स लिए स्वागत में खड़े थे। इस तरह के स्वागत की बारातियों को बिलकुल उम्मीद न थी लेकिन स्वागत में मास्क और सेनेटाइजर लेकर बाराती भी खुश नजर आये, सभी के लिए यह पहला-पहल अनुभव था, सब के चहरे पर मुस्कान थी व ग्राम सरपाणी के युवाओं की इस पहल की सबने सराहना की।

क्या घराती क्या बाराती सबने इस कदम को खूब पसंद किया और इसके महत्व को स्वीकार किया। विवाह में शामिल अन्य कई गांव के लोगों ने इस पहल को अपने-अपने गांवों के वैवाहिक कार्यक्रमों में दोहराने की बात कही। इस तरह ग्राम सरपाणी के युवाओं ने पूरे देश और दुनिया को यह संदेश दिया कि कोई हालत मुश्किल नहीं यदि आपने स्वयं को बदलने की व नई शुरुवात करने की इच्छाशक्ति हो, और जिस तहर सभी लोगों ने इस कदम की सराहना की है उससे साफ संदेश जाता है की हम पहाड़ी भले ही अपनी संस्कृति रीती रिवाजों के प्रति संवेदनशील हों लेकिन आधुनिकता के साथ हमे कदम ताल करने में कोई गुरेज नहीं, हमें अपनी परम्पराएं पसंद हैं पर हम रूढ़िवादी बिलकुल नहीं, और हमारी यही सोच हमे दुनिया में एक अलग पहचान दिलाती है।