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देहरादून में पकड़ा गया कोबरा किंग की दुर्लभ प्रजाति रेस्क्यू कर छोड़ा गया जंगल में

वन विभाग की रेस्क्यू टीम ने क्लेमनटाउन में शुक्रवार को दुर्लभ और जहरीला किंग कोबरा पकड़ा। इसे रेस्क्यू कर जंगल में छोड़ा गया। रेस्क्यू टीम लीडर रवि जोशी ने बताया कि शाम को पीपलेश्वर मंदिर क्लेमनटाउन के पास दिनेश जखमोला के बाग में सांप होने की सूचना मिली। सांप दिखने के बाद क्षेत्रवासियों में दहशत हो गई थी। लोगों ने तुरंत ही वन विभाग को सांप दिखने की सूचना दी। सूचना मिलते ही रेस्क्यू टीम तुरंत ही मौके के लिए रवाना हुई।

 


वहां करीब सात फिट का किंग कोबरा दिखा। जिसके काफी सावधानी के साथ पकड़ा गया। हल्के अंधेरे के चलते अगर कोबरा भाग जाता तो उसे पकड़ना मुश्किल हो जाता। साथ ही वह काफी जहरीला था, जिस कारण अगर हमला करता तो दिक्कत हो जाती। लेकिन, रेस्क्यू टीम ने बहुत ही एहतियात से दुर्लभ प्रजाति के सांप को रेस्क्यू कर जंगल में छोड़ दिया। रेस्क्यू टीम में सुरेंद्र पंवार,अरशद आलम,जितेंद्र बिष्ट और प्रदीप रस्तोगी भी शामिल थे।

किंग कोबरा, नागराज

नागराज (King cobra / Ophiophagus hannah) संसार का सबसे लम्बा विषधर सर्प है। इसकी लम्बाई 5.6 मीटर तक होती है। सांपों की यह प्रजाति दक्षिणपूर्व एशिया एवं भारत के कुछ भागों में खूब पायी जाती है। एशिया के सांपों में यह सर्वाधिक खतरनाक सापों में से एक है। इसकी लंबाई 20 फिट तक हो सकती है। तथा यह भारत के दक्षिण क्षेत्रों में बहुतायात में पाया जाता है। भारत के कुछ भाग इसे भगवान शिव के गले में रहने वाला नाग समझते हैं जिसके कारण इसे लोग मारते नहीं हैं।
खतरे की स्थिति में यह अपने हुड यानी फन को फैला लेता है ताकि वह खुद को बड़ा दिखा सके और यह अपने आप को जमीन से 6 फीट तक ऊंचा उठा लेता है. कई बार यह अपनी आवाज से भी चेतावनी दे सकता है. अधिक खतरे की स्थिति में यह लम्बी सांस खींच कर उसे तेजी से अपने मुँह और नथुने से बाहर निकालता है जिससे एक भयभीत करने वाली भयंकर फुंफकार सुनाई देती है. सांपों के द्वारा की गयी सामान्य फुंफकार से बिलकुल अलग होती है.