उत्तराखंड के तीर्थनगरी के युवा कलाकार राजेश चंद्रा की पेंटिंग का चयन संयुक्त राष्ट्र संघ में हुआ है। राजेश ने अपनी कृति वसुधैव कुटुम्बकम से विश्व में ये संदेश दिया कि सम्पूर्ण विश्व एक परिवार है. सभी जानवर, मानव जाति, जलीय जीव, पेड़-पौधे मिलकर इस परिवार को पूरा बनाते हैं। अगर मानव ये सोचने लगेंगे की सिर्फ मेरा ही राज इस धरती पर होगा, तो वो दिन दूर नहीं जब हम इसके दुष्परिणाम भुगतेंगे।
ऋषिकेश के युवा चित्रकार राजेश चंद्रा की कृति वसुधैव कुटुम्बकम का चयन इस प्रदर्शनी में हुआ है। राजेश ने अपनी कृति में दिखाया है. एक इंसान (गढ़वाली परिधान में) सभी जानवरों के साथ मिलकर नदी में कुछ मछली छोड़ता दिखाई दे रहा है। यह सब मिलकर प्रकृति का धन्यवाद करते दिख रहे हैं कि कुदरत ने हमें अमृत समान ये जल दिया, लेकिन बहुत दुःख की बात है कि हम ही लोग जल प्रदूषित कर रहे हैं। बता दें कि राजेश ने न्यूयॉर्क से ऑनलाइन संचालित हुई ओसनिक ग्लोबल के द्वारा आयोजित इस प्रदर्शनी के शुभारंभ कार्य्रकम में भी हिस्सा लिया था।
गौरतलब है कि सयुंक्त राष्ट्र द्वारा 8 जून को समुद्र व उसमें रहने वाले सभी जीव-जंतुओं की सुरक्षा की जागरूकता के लिये विश्व सागर दिवस मनाया जाता है। हर साल की तरह इस साल भी समुद्र को बचाने व उसे प्रदूषण से बचाने के लिए ऑनलाइन विश्व सागर दिवस का आयोजन किया गया है। इसमें कला, फोटाग्राफी के माध्यम से विश्व भर से कलाकार अपनी कृतियों के द्वारा सागर बचाओ का संदेश दे रहे हैं।