उत्तराखंड में चार धाम के पुरोहितों के तपस्या और आंदोलन के आगे एक बार फिर से पुष्कर सिंह धामी ने हार मानी और कितने सालों से उठ रही मांग को एक बार फिर से लोगों की हानि में बदल दिया और इतना बड़ा फैसला लेते हुए उन्होंने देवस्थानम बोर्ड के गठन को निरस्त किया और इसके बाद ही लोगों में खुशी की लहर है हम आप सभी लोगों को बता देते हैं कि पिछले कई समय से सभी पुजारी और वहां के स्थानीय लोग यहां मांग उठा रहे थे कि देवस्थानम बोर्ड को बंद कर देना चाहिए क्योंकि उससे मूल रूप से रहने वाले निवासी को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा था और मंदिरों के आसपास के लोगों को उससे काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था इसी को देखते हुए पिछले कई समय से आंदोलन कर रहे थे।
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यकाल के वक्त देवस्थानम बोर्ड का गठन किया गया था। इस बोर्ड के अंतर्गत उत्तराखंड में चारों धामों के साथ ही कुल 51 मंदिरों को रखा गया था। इसके बाद चार धाम के तीर्थ पुरोहितों ने अब बड़े आंदोलन का ऐलान किया था। विधानसभा चुनाव नजदीक है और ऐसे में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने एक और मास्टर स्ट्रोक खेला है।पुष्कर सिंह धामी के इस फैसले के बाद से ही लोगों में खुशी की लहर है और सभी ने उनका आभार व्यक्त किया है कुछ लोगों का कहना है कि बीजेपी सरकार ने यह फैसला रणनीति के तहत लिया है क्योंकि कभी कुछ ही समय में इलेक्शन में आने वाले हैं उत्तराखंड में और उन्हें इस फैसले से काफी मदद मिलेगी उसमें।