दैनिक जीवन में साइकिल के उपयोग को लोकप्रिय बनाने के उद्देश्य से विश्वभर में 3 जून यानी आज विश्व साइकिल दिवस या वर्ल्ड बाइसिकल डे मनाया जा रहा है. इसका उद्देश्य लोगों को ये समझाना है कि साइकिल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए तो बेहतर है ही, पर्यावरणऔर अर्थव्यवस्थाके लिए भी अनुकूल है। इसी बीच हमें समाज में कुछ साइकिल के शौकिन लोग भी मिलते है। जो न सिर्फ खुद साइकिलिंग कर रहे है बल्कि यूथ ही नहीं, बच्चों और बुजुर्गों को भी प्रेरणा दे रहे हैं।
इन्ही साइकिल के शौकिन लोगों में एक नाम रुड़की में आईएमए के चेयरमैन डॉ. विकास त्यागी का है । जिन्होंने साइकिलिंग के चलते घर में कोई दोपहिया वाहन ही नहीं रखा है। डॉ. विकास त्यागी के पास वर्तमान में एक कार और साइकिल है। इन्होंने साइकिलिंग के शौक में कभी बाइक या स्कूटी खरीदी ही नहीं। पहले इन्हें साइकिलिंग का शौक था और बाद में इसे आदत बना लिया। उनका कहना है कि वह नियमित साइकिल चलाते हैं। इसके साथ ही हफ्ते में तीन बार 10 से 12 किलोमीटर तक साइकिल चलाते हैं। जबकि तीन दिन दौड़ लगाते हैं। लंबी साइकिलिंग में वह नरेंद्रनगर, बिजनौर, बिहारीगढ़, हरिद्वार, देहरादून तक साइकिल चला चुके हैं।
गौरतलब है कि साइकिल चलाना केवल शारीरिक ही नहीं बल्कि मानसिक स्वास्थ के लिए भी काफी फायदेमंद है। ये बेहतर एक्सरसाइज़ है। ये हृदय, रक्त वाहिकाओं और फेफड़ों को स्वस्थ रखने में मदद करती है। रोजाना आधा घंटा साइकिल चलाने से पेट की चर्बी कम होती है और फिटनेस बरकरार रहती है। शरीर की मांसपेशियों को हेल्दी और मजबूत बनाती है। साइकिल चलाने से इम्यून सिस्टम ठीक तरीके से काम करता है। थकान की वजह से अच्छी नींद लाने में मदद करती है। तनाव के स्तर और डिप्रेशन को भी कम करती है। साइकिलिंग करके एक्स्ट्रा कैलोरी को बहुत ही आसानी से बर्न किया जा सकता है.स्वास्थ्य के साथ-साथ साइकिल आपके पैसे बचाने का काम भी करती है।