दुनिया के हर छोटे-बड़े महास पर बेटियां आज अपना लोहा मनवा रही है। कोई भी ऐसा काम नहीं जो बेटियां नहीं कर सकती। समाज की रुढीवादी जंजिरों को बेटियों के जज्बें और हौसले ने तोड़ दिया है। उत्तराखंड की बेटियां भी देश प्रदेश का नाम रोशन कर रही है। अब बेटियों ने एक और फतह अपने नाम लिख ली है। देश की दूसरे स्थान की सबसे ऊंची चोटी नंदा देवी पर गश्त देने पहुंच गई है। ऐसा पहली बार जब कोई महिला इस ऊंची चोटी पर गश्त करेगी। इन महिलाओं ने अपने हौसले से तमाम महिलाओं के लिए एक मिसाल कायम की है।
बता दें कि नंदा देवी बायोस्फियर रिजर्व में वन और दुर्लभ वन्य जीवों की निगेहबानी के लिए पहली बार तीन महिलाएं पहुंची है। जिनका नाम वन दरोगा ममता कनवासी, दुर्गा सती और वन आरक्षी रोशनी हैं। अभी तक यहां पुरुष वन दरोगा व वन आरक्षी की ही तैनाती थी जो वन क्षेत्र में लंबी दूरी की गश्त करते थे लेकिन अब महिला वन दरोगा और वन आरक्षी भी वन क्षेत्र में लंबी दूरी की गश्त कर रही हैं। वह यहां न सिर्फ ड्यूटी निभा रही हैं, बल्कि ऊंचे ग्लेशियरों को पार कर दुर्लभ वन्य जीवों व जंगल की जानकारी भी जुटा रही हैं।
गौरतलब है कि नंदा देवी पर्वत भारत की दूसरी और विश्व की 23वीं सर्वोच्च चोटी है। चमोली जिले में गौरीगंगा और ऋषि गंगा घाटी के बीच स्थित नंदा देवी पर्वत क्षेत्र 7817 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। रेंज अधिकारी चेतना कांडपाल के निर्देशन में महिला वन दरोगा व वन आरक्षी को लंबी दूरी की गश्त के लिए तैयार किया गया। वन विभाग की टीम के साथ महिला वन अधिकारियों ने लगभग 60 किलोमीटर की पैदल दूरी तय की। इस दौरान उन्होंने ऊंचे ग्लेशियरों और पैदल पगडंडियों को पार किया।