धर्मनगरी में स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव की जमीनी हकीकत बयां करता मामला मसूरी से सामने आया है यहां एक गर्भवती महिला प्रसव पीड़ा में अस्पतालों के दर पर तड़पती रही लेकिन उसे इलाज नहीं मिला। इलाज न मिलने के अभाव में रास्ते में ही वाहन में उसने बच्चे को जन्म दिया। बताया जा रहा है कि पर्यटन नगरी में स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।जिसके कारण मसूरी में छोटी सी बीमारी होने पर भी देहराूदन जाना पड़ता है। इलाज के लिए दून आते हुए ही महिला का प्रसव हुआ है।
बताया जा रहा है कि महिला को प्रसव की पीड़ा होने पर उन्हें उप जिलाचिकित्सालय ले जाया गया जहां उन्हें बताया गया कि अब यह अस्पताल कोविड केयर सेंटर बन गया है यहां पर डिलीवरी की सुविधा नहीं है उसके बाद उसे कम्युनिटी अस्पताल ले गये जहां भी डिलीवरी कराने से मना कर दिया गया जिस पर मजबूर होकर महिला को एक प्राइवेट वाहन से देहराूदन ले जाते समय रास्ते में वाहन में ही महिला ने बच्चे को जन्म दे दिया।
मसूरी में चिकित्सा सुविधाओं के अभाव में इस तरह की घटना शर्मनाक है। आखिर मसूरी के लोगों को उप जिलाचिकित्सालय का क्या लाभ मिला पहले तो लंबे समय बाद एक अस्पताल मिला उसके बाद भी अगर वहां पर चिकित्सा सुविधा नहीं मिलती तो इसका कोई लाभ नहीं है। यह तो डिलीवरी का मामला था लेकिन पूर्व में भी कई ऐसे मामले आये है जब विभिन्न रोगों से जूझ रहे रोगियो ने देहराूदन जाते समय रास्ते में दम तोड़ दिया।
उन्होंने कहा कि ऐसे में जो लोग गरीब है जिनके पास एक मात्र सरकारी अस्पताल है जिसके भरोसे वह रहते हैं ऐसे में वह देहराूदन भी नही जा सकते व उन्हें उपचार के अभाव में दम तोड़ने को मजबूर होना पडता है ऐसे में ऐसे अस्पताल का क्या लाभ जिसमें कोई विशेषज्ञ चिकित्सक भी नही है। इस संबंध में उप जिलाचिकित्सालय के सीएमएस डा. यतेंद्र सिह ने कहा कि इन दिनों उप जिलाचिकित्सालय कोविड केयर सेंटर बना है जहां केवल कोरोना रोगियों का ही उपचार किया जा रहा है।