उत्तराखंडी देश-दुनिया में प्रदेश का नाम रोशन कर रहे है। हर क्षेत्र में अपनी कला और काबलियत का लोहा मनवा रहे है। कोरोना काल में सिनेमा को एक नया अंदाज दिया है। डिजिटल टीवी और ओटीटी के इस दौर में TVF की नई सीरीज ‘Aspirants’ की खूब चर्चा है। आपको जानकर हैरानी होगी सिनेमा की दुनिया में सुर्खियां बटोर रही वेबसीरीज ‘एस्पिरेंट्स’ में एसके सर उर्फ श्वेतकेतु झा का किरदार निभाने वाले अभिलाष बिहारी नहीं पहाड़ी हैं।अभिलाष का पहाड़ों से गहरा नाता है। फिल्म में लाजवाब अभिनय की बदौलत वाहवाही लूट रहे अभिलाष के रूप में देवभूमि ने हिंदी सिनेमा को एक नया सितारा दिया है।
बता दें कि रूपहले पर्दे की दुनिया में पहचान बनाने वाले अभिलाष थपलियाल मूलरूप से पौड़ी के खातस्युन श्रीकोट के रहने वाले हैं। पिता स्वर्गीय नवीन चंद्र थपलियाल फौजी थे तो उन्हीं के साथ जम्मू कश्मीर, पंजाब, मध्य प्रदेश और दिल्ली में बचपन बीता। पहाड़ के ज्यादातर सैन्य पृष्ठभूमि वाले बच्चों की तरह अभिलाष की स्कूलिंग भी केंद्रीय विद्यालय में हुई। डीयू में आगे की पढ़ाई के बाद दिल्ली में बतौर आरजे कॅरिअर शुरू किया। रेडियो पर लोकप्रियता हासिल कर मुंबई पहुंचे।
बड़े शहरों में हाई क्लास सोसाइटी का हिस्सा बनकर कुछ लोग खुद को गढ़वाली बताने से बचते हैं। लेकिन फिल्मी दुनिया में पहचान बनाने के लिए उन्होंने अपनी संस्कृती नहीं छोड़ी न ही उन्होंने अपने नाम से थपलियाल सरनेम हटाया। अभिलाश का भले ही उत्तराखंड में कम वक्त कम गुजारा हो, लेकिन मातृभूमि से उनका नाता गहरा है। वह तीन-चार बार ही अपने गांव गए हैं। उनकी मां इस वक्त बहन के साथ दिल्ली में रहती हैं, जबकि वह पत्नी के साथ मुंबई में रह रहे हैं। पहाड़ से दूर बड़े शहरों में रहकर भी उनके घर का माहौल पूरा पहाड़ी है। वह इतना वक्त पहाड़ से दूर गढ़वाली में बातचीत करते हैं। अभी भी उनके घर में चैंसूड़ा और पांडू बनता है। मूली की थिचौड़ी बनती है। अपनी जड़ों से वह आज भी जुड़े हैं। उनका कहना है कि पहाड़ों ने देश को कितनी बड़ी चीजें दी हैं। हमारी पहचान और इतिहास गौरवशाली है। हम लोगों को अपनी पहचान छुपाने की क्या जरूरत है।
अभिलाष को मुंबई में करीब पांच साल हो गए हैं। फिल्म-टीवी में लगातार काम मिलता रहा है। अब वेबसीरीज के जरिये और अच्छा मौका मिला है। उन्होंने पहाड़ी होकर भी एक बिहार की पृष्ठभूमि वाले युवक एसके का किरदार निभाया है। लेकिन अभिलाष को पहाड़ी किरदार करने की बड़ी तमन्ना है। वो कहते है कि बल पता नहीं मैं कैसे करूंगा, कब करूंगा पर मुझे गढ़वाली किरदार करना है बल। उनका कहना है कि कई फिल्में देखी, जिसमें लगता है कि पहाड़ी किरदार के साथ न्याय किया नहीं गया। भावी योजना को लेकर अभिलाष कहते हैं कि टीवी और सिनेमा से जुड़े काफी सारे लोगों ने संपर्क किया है।