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राम मंदिर की तर्ज पर बनेगा उत्तराखंड में रामायण सर्किट यह जगाए होंगी विकसित

अयोध्या राम मंदिर बनने की खुशी में पूरा देश डूबा पड़ा है बीते 5 अगस्त को पूरे भारत के लिए स्वर्णिम दिन था। राज्य सरकार ने रामायण सर्किट पर अपना पूरा फोकस जमा लिया है और उम्मीद है कि राज्य में भी जल्द ही रामायण सर्किट विकसित होगा, जिससे पर्यटन की संभावनाएं भी बढ़ेंगी। देवनगरी उत्तराखंड में रामायण सर्किट से देवप्रयाग में प्रभु श्री राम का रघुनाथ मंदिर, ऋषिकेश में भरत मंदिर, शत्रुघ्न मंदिर और लक्ष्मण मंदिर को विकसित करने के साथ ही एक रामायण सर्किट तैयार होगा। इससे लोगों के बीच धार्मिक मूल्यों का तो विस्तार होगा ही, इसी के साथ इससे उत्तराखंड में पर्यटन बढ़ने की संभावनाएं और अधिक बढ़ जाएंगी।

राम महिमा का ले सकेंगे आनंद

अयोध्या में राम जन्मभूमि निर्माण की तैयारी जहां जोरों शोरों पर चल रही है वहीं उत्तराखंड सरकार ने भी जरा भी तेरी ना करते हुए अपने रामायण सर्किट को विस्तार देने की पूरी तैयारी कर ली है फिर उत्तराखंड में भी लोग राम महिमा का आनंद ले सकेंगे।

उत्तराखंड में राम मंदिर की तर्ज पर बनेगा रामायण सर्किट, ये जगहें होंगी विकसित

अयोध्य के राम मंदिर के बाद अब देवनगरी उत्तराखंड के देवप्रयाग, ऋषिकेश जैसे धार्मिक स्थलों पर भी जल्द ही पर्यटन विभाग रामायण सर्किट को विकसित करने की तैयारियां चल रही हैं। बीता 5 अगस्त पूरे देश के लिए एक स्वर्णिम दिन के तौर पर सामने आया। अयोध्या के भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए बीते 5 अगस्त को भूमि पूजन हुआ जिस वजह से पूरे देश में हर्षोल्लास का माहौल रहा। अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण की पूजा होने के बाद उत्तराखंड सरकार ने भी अपने राज्य में भव्य रामायण सर्किट के निर्माण करने के विचार को हरा सिग्नल मिल चुका है। राज्य सरकार ने रामायण सर्किट पर अपना पूरा फोकस जमा लिया है और उम्मीद है कि राज्य में भी जल्द ही रामायण सर्किट विकसित होगा, जिससे पर्यटन की संभावनाएं भी बढ़ेंगी। देवनगरी उत्तराखंड में रामायण सर्किट से देवप्रयाग में प्रभु श्री राम का रघुनाथ मंदिर, ऋषिकेश में भरत मंदिर, शत्रुघ्न मंदिर और लक्ष्मण मंदिर को विकसित करने के साथ ही एक रामायण सर्किट तैयार होगा। इससे लोगों के बीच धार्मिक मूल्यों का तो विस्तार होगा ही, इसी के साथ इससे उत्तराखंड में पर्यटन बढ़ने की संभावनाएं और अधिक बढ़ जाएंगी।

 

पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा।


बता दें कि अयोध्या में राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण की तैयारियों से यूपी में धार्मिक पर्यटन की संभावनाएं काफी अधिक हो गई हैं। इसी को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने भी जरा भी देरी न करते हुए अपने रामायण सर्किट को विस्तार देने की पूरी तैयारियां कर ली है जिससे बाहर के लोग भी राम महिमा का आनन्द उठा पाएं। ऋषिकेश, देवप्रयाग और पौड़ी इन 3 जगहों पर रामायण सर्किट से जुड़ी सभी योजनाओं को तैयार किया जाएगा। ऋषिकेश में भरत मंदिर, मुनीकीरेती में शत्रुघ्न मंदिर के बाद देवप्रयाग में रघुनाथ मंदिर को एक भव्य रूप दिए जाने की पूरी तैयारियां चल रही हैं। वहीं पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि श्री हेमकुंड साहिब के पास लक्ष्मण लोकपाल मंदिर को भी नवीन और भव्य रुप दिया जाएगा जिससे वहां के स्थानीय निवासी भी बेहद खुश हैं। सतपाल महाराज के अनुसार पर्यटन विभाग को उत्तराखंड में रामायण सर्किट से जुड़ी तमाम योजनाओं का एक पूरा खाका तैयार किए जाने के भी निर्देश दे दिए गए हैं। दिलचस्प बात यह है कि राम जन्मभूमि अयोध्या के बाद राम भक्तों और धार्मिक एवं आस्तिक श्रध्दालुओं के लिए उत्तराखंड का यह रामायण सर्किट धार्मिक पर्यटन के लिहाज से एक बड़ा स्थल साबित होगा, जिससे राज्य में धार्मिक पर्यटन में वृद्धि होगी

लक्ष्मण,वाल्मीकि मंदिर को भी इस रामायण सर्किट से जोड़ा जाएगा।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह ने भव्य मंदिर बनाने की घोषणा कर चुके हैं पौड़ी कोटा ब्लॉक में मां सीता के मंदिर को बनाया जाएगा। सीता मंदिर के साथ ही लक्ष्मण, वाल्मीकि मंदिर को भी इस रामायण सर्किट से जोड़ा जाएगा। दिलचस्प बात यह है कि वाल्मीकि आश्रम में सीता कुटी में लव-कुश की बाल लीलाओं का भी वर्णन होगा। इससे लोगों को रामायण के तमाम पहलुओं से जुड़ने का मौका मिलेगा और वे इन सब चीजों को बेहद करीब से महसूस कर पाएंगे।

सतपाल महाराज के अनुसार भगवान श्री राम के अयोध्या में भव्य मंदिर निर्माण के साथ ही उत्तराखंड पर्यटन विभाग भी राज्य में रामायण सर्किट को विकसित करने की जोरों-शोरों से तैयारी कर रहा है। ऐसे में लोगों के मन के भीतर धार्मिक भावनाओं की उत्पत्ति होगी। बता दें कि राज्य में कई ऐसे पवित्र स्थल है जहां पर भगवान श्रीराम से जुड़ी स्मृतियां मौजूद हैं। ऐसे में इन सब स्मृतियों को एक कड़ी से सर्किट के अंदर जोड़ा जा रहा है और उनको भव्य एवं शानदार रूप दिया जा रहा है, जिसके तैयार होते ही राज्य में धार्मिक पर्यटन के लिहाज से भारी संख्या में देश-विदेश से श्रद्धालु इस सर्किट के दर्शन करने आएंगे।