प्रदेश में पहाड़ दरकने की घटनाएं लगातार सामने आ रही है। उत्तरकाशी में भूस्खलन के कारण गंगोत्री नेशनल हाईवे बंद पड़ा हुआ है, 11 गांवों का संपर्क मार्ग टूट चुका है। अंतर्राष्ट्रीय सीमा से भी संपर्क भी टूट चुका है। इन मुश्किलों के बीच जहां शासन हाईवे खोलने की जद्दो जहद मे जुटा है। तो वहीं एक गर्भवती महिला प्रसव पीड़ा से कराहत रही थी। हाइवे बंद होने के कारण एंबुलेंस नहीं आ सकती थी। महिला के परिजन परेशान थे महिला की बढ़ती जा रही थी। तभी महिला के लिए एसडीआरएफ की टीम देवदूत बन गई। और महिला का रेस्क्यू कर महिला को एंबुलेंस तक पहुंचाया।
बता दें कि गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर भटवाड़ी से आगे सोनगर में भूस्खलन होने से मार्ग पूर्ण रूप से अवरुद्ध हो गया है। तभी हॉस्पिटल जा रही 26 वर्षिय करिश्मा हाईवे बंद होने के कारण बीच रास्ते में फंस गई। इसी बीच महिला को प्रसंव पीड़ा भी होने लगी। परिजनों ने मदद के लिए पुलिस को फोन दिया है। पुलिस चौकी भटवाड़ी द्वारा SDRF को मामले की सूचना दी गयी । सूचना मिलते ही पहुंची SDRF की टीम ने गर्भवती महिला को टूटी हुई चट्टानों के बीच से अत्यधिक विषम परिस्थितियों में वैकल्पिक साधनों की सहायता से भूस्खलन क्षेत्र से करीब 20 मिनट में सुरक्षित रेस्क्यू कर दूसरी तरफ पहुंचाया, जहां से एम्बुलेंस के जरिए गर्भवती महिला को हॉस्पिटल भेजा गया।
वहीं महिला के परिजनों ने SDRF का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि एसडीआरएफ की टीम उनके लिए देवदूत बनकर आई है। उनकी मदद की वजह से ही महिला को सकुशल अस्पताल पहुंचाया जा सका । एसडीआरएफ के इस कार्य की हर कोई सराहना कर रहा है।