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उत्तराखंड के छोटे से गांव के शिवम इंजीनियरिंग छोड़ ऐसे बने IAS,अब हजारों बच्चों को दे रहे IAS की मुफ्त कोचिंग

देहरादून- कहते  है जिंदगी किसी भी पल एक नया मोड़ ले सकती है अगर हौसला और कुछ करने का ज़ज्बा हो तो इंसान जो सोचता है उसे पूरा कर सकता है । इन बातों को पूरा कर दिखाया है उत्तराखंड के काशीपुर के छोटे से गांव में पैदा हुए शिवम की। शिवम डॉक्टर बनने का सपना देखते हुए बड़े हुए लेकिन उन्होंने इंजीनियरिंग की राह चुनी और छात्र राजनिती ने उनका सपना ही बदल दिया। छात्र राजनीति ने उनकी जिंदगी पर ऐसा प्रभाव डाला कि वह आईएएस अधिकारी बन गए। आज वह हिमाचल चंबा में एसडीएम के पद पर तैनात है और इसके साथ ही हजारों छात्रों को आईएएस की मुफ्त कोचिंग दे रहे है।

आपको बता दें कि समाज के लिए कुछ करने का जज्बा रखने वाले शिवम प्रताप फिलहाल हिमाचल प्रदेश के चम्बा  जिले में SDM पद पर तैनात हैं. वे अपनी सर्विस के साथ एक NGO ‘प्रोत्साहन’ के अंतर्गत 2200 बच्चों को मुफ्त IAS की कोचिंग करा रहे हैं। शिवम और उनके पिता अपनी सैलरी का आधा हिस्सा बच्चों की कोचिंग के लिए डोनेट करते हैं. इसके अलावा अपनी बहन के नाम पर हर साल UP और उत्तराखंड के 12वीं कक्षा के टॉपर्स को ‘डॉ. शिवाली सिंह प्रोत्साहन पुरस्कार’ भी देते हैं।

बता दें कि शिवम प्रताप उत्तराखंड के काशीपुर के मवाडाबरा गांव से हैं। उनके पिता भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) से रिटायर हो चुके हैं और माँ प्राइमरी स्कूल में शिक्षिका हैं। उनकी बड़ी बहन शिवाली प्रताप MBBS डॉक्टर थीं और MD की तैयारी कर रहीं थीं। उसी दौरान एक सड़क हादसे में उनकी मौत हो गई. अब वे घर में अकेले बेटे हैं। शिवम भी पहले अपनी बहन की तरह डॉक्टर बनना चाहते थे । इसके लिए उन्होंने काशीपुर के आर्मी स्कूल से बायोलॉजी विषय से 10+2 पास किया। इसके बाद उनका इरादा बदल गया और इसके बाद बायोलॉजी छोड़कर मैथ्स विषय लेकर पंतनगर यूनिवर्सिटी से 2013 में इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की।

शिवम  इंजिनीरिंग की पढ़ाई के दौरान छात्र राजनीति से जुड़े। वह पहले 2011 में वे छात्रसंघ के महासचिव बने और फिर 2012 में छात्रसंघ अध्यक्ष बने। और यहीं से उनके कैरियर की दशा और दिशा दोनों बदल गए। उन्हें लगा कि वे इंजीनियरिंग के लिए बने ही नहीं हैं। उन्हें तो समाज के लिए कुछ करना है। तब उन्होंने फैसला किया कि वे सिविल सर्विसेज में जाएंगे। इंजीनियरिंग पूरी करते ही शिवम ने 2013 से ही UPSC की तैयारी शुरू कर दी। 2013 में उनका TCS में कैंपस प्लेसमेंट भी हो गया था, लेकिन उन्होंने जॉइन नहीं किया। शिवम ने 2014 में पहला प्रयास किया, लेकिन तब प्री ही क्लियर कर पाए. 2015 में दूसरा प्रयास किया और इंटरव्यू तक पहुंचे। इसके बाद 2017 में तीसरा प्रयास किया और इस बार वे सफल हुए। उनकी ऑल इंडिया रैंक 56 रही और इस तरह वे 2017 बैच में IAS बन गए। शिवम अपनी सफलता का पूरा श्रेय माता-पिता और अपने भाई अभिषेक कुमार सिंह को देते है।