अगर हम अपने आसपास हवा को महसूस करें तो वह वैसी शुद्ध नहीं रही जो कई सालों पहले हुआ करती थी। हमारे आस-पास हवा के अंदर काफी अशुद्धता आ चुकी है और यह धीरे-धीरे दूषित होती जा रही है जो कि हमारे स्वास्थ्य के लिए और प्रकृति के लिए भी बेहद खतरनाक है। कारण है इंसान का आधुनिकीकरण की तरफ बढ़ना। हालांकि पर्यावरण संरक्षण के मुद्दे अब उठाए जा रहे हैं। कई लोग पॉल्यूशन जैसी गंभीर समस्याओं को लेकर अपनी आवाज उठा रहे हैं और लोगों को जागरूक कर रहे हैं। कई युवा लोगों को सचेत कर रहे हैं ताकि हम और हमारी आने वाली पीढ़ी स्वच्छ और बेहतर जीवन जी सकें। इन्हीं लोगों की सूची में अपना जोड़ा है उत्तराखंड के चमोली जिले के सोमेश पंवार ने। उत्तराखंड के निवासी सोमेश ने देश के अंतिम गांव माणा, बद्रीनाथ से लेकर कन्याकुमारी तक लोगों को पॉल्यूशन फ्री इंडिया के प्रति जागरूक करने के लिए साइकिल यात्रा शुरू की है। सोमेश का कहना है साइकिल यात्रा के दौरान पोलूशन फ्री इंडिया के साथ कोरोना संक्रमण एवं ” ग्रीन हिमालय, क्लीन हिमालय” का संदेश भी यात्रा के दौरान देंगे जिससे लोगों के बीच में पर्यावरण संरक्षण को लेकर जागरूकता फैलेगी।
यह साइकिल यात्रा 4000 किलोमीटर से भी अधिक दूरी की है और उन्होंने 40 दिनों में यह सफर तय करने का लक्ष्य रखा है। सोमेश ने बताया कि यह पहली बार है जब प्रदेश के अंतिम गांव माणा बद्रीनाथ से कन्याकुमारी तक के लिए साइकिल के जरिए इतनी लंबी दूरी तय की जाएगी। सोमेश ने कहा कि यह यात्रा उनके लिए बेहद खास है और वे इसके लिए काफी उत्साहित हैं। चमोली जिले के बद्रीनाथ स्थित बामणी गांव पांडुकेश्वर के निवासी सोमेश पेशे से ट्रैकिंग से जुड़े हुए हैं और उन्होंने पर्यावरण की हालत को और पल्यूशन के चलते बद्रीनाथ से कन्याकुमारी तक साइकिल द्वारा यात्रा करने की ठानी है। उन्हें हाल ही में बीते 1 नवंबर को बद्रीनाथ के धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल ने शुभकामनाएं देकर रवाना किया। उन्होंने कहा है कि सोमेश पर्यावरण, हिमालय की जड़ी बूटियों समेत जीव जंतुओं के बारे में काफी जानकारी रखते हैं। इसलिए वे पर्यावरण संरक्षण के लिए आम जनता को अपनी यात्रा के दौरान बेहतर ढंग से समझा सकते हैं।
सोमेश पंवार लगभग 40 दिनों में जयपुर, राजस्थान, दिल्ली, पुणे और कर्नाटक जैसे हर स्थान पर उद्यम करने का प्रयास करेंगे। उनका साईकिल उद्यम 4000 किलोमीटर से अधिक का है। साइकिल उद्यम के दौरान, रास्ते में शहरों, शहरी समुदायों और कस्बों में व्यक्ति उन्हें पारिस्थितिक रूप से मन बना लेंगे। सोमेश को लगता है कि लॉकडाउन के दौरान हवा की गुणवत्ता में बुनियादी रूप से सुधार हुआ था, जिसे हम सभी ने महसूस किया था लेकिन वास्तव में वायु की गुणवत्ता लगातार है। हवा ने दिल्ली जैसे शहरी इलाकों में बेहद खतरनाक स्थिति पैदा कर दी है। उन्होंने कहा कि इस अवसर पर कि हम प्रकृति को उसका स्थान दें, इसी तरह यह मनुष्य को रहने के लिए एक बेहतर स्थान और एक बेहतर जलवायु देगा। यही कारण है कि वे बद्रीनाथ में माना से कन्याकुमारी तक बाइक से जा रहे हैं। उन्हें 1 नवंबर को बद्रीनाथ के एक प्रमुख भुवन चंद्र उनियाल द्वारा पारिस्थितिक आश्वासन के साथ पहचाने जाने वाले साइकिल यात्रा के लिए भेजा गया था।