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उत्तराखंड के किसानों की पत्नियों ने कूच किया दिल्ली की और , डाला डेरा गाजीपुर बॉर्डर में

देश भर में किसान विरोध प्रदर्शन तेजी से बढ़ रहे हैं और देश भर में किसान सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। कृषि कानून बिल के खिलाफ कई राज्यों के किसान एकजुट होकर आवाज उठा रहे हैं। प्रतिरोध की यह चिंगारी उत्तराखंड में भी फैल रही है। उत्तराखंड में भी कई किसान कृषि बिलों के खिलाफ आ रहे हैं और यह आंदोलन राज्य में तेजी से बढ़ रहा है। विशेषकर उधम सिंह नगर जिले में, कई किसान सड़कों पर विरोध कर रहे हैं और इस बिल को वापस लेने के लिए आवाज उठा रहे हैं। सैकड़ों किसान कृषि कानून के विरोध में दिल्ली सीमा पर अमेरिकी शहर जिले में डेरा डाले हुए हैं और सरकार से अन्य किसानों के साथ मिलकर इस बिल को वापस लेने की मांग कर रहे हैं।

उधम सिंह नगर जिले के कई मुख्य क्षेत्रों में किसान लंबे समय से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और सड़कों पर उतर कर सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे हैं। कई बार सड़कों पर जाम की परिस्थितियां भी आ चुकी हैं। अब विरोध कर रहे उन किसानों की पत्नियां भी अपने पतियों के सहयोग में और कृषि कानून बिलों के विरोध में दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंच रही हैं। बीते 52 दिनों से कृषि कानून के विरोध में देश के तमाम राज्यों के किसान दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं और उन्ही किसानों में उत्तराखंड के उधम सिंह नगर के भी सैकड़ों किसान शामिल हैं जो कि कृषि कानून को लेकर अपना विरोध दर्ज करने के लिए गाजीपुर बॉर्डर पर गए हुए हैं। ऐसे में अब उनकी पत्नियां भी उधम सिंह नगर से दिल्ली पहुंच रही हैं और अपने पतियों को समर्थन दे रहे हैं।

मर्दों के साथ भारी मात्रा में औरतें भी इस लड़ाई में आगे आ रही हैं। यूएसनगर के रुद्रपुर की निवासी किरनजीत कौर पिछले 3 दिनों से अपने पति के साथ गाजीपुर बॉर्डर पर डटी हुई हैं। उन्होंने कहा कि 4
उनके पति 25 सितंबर से गाजीपुर बॉर्डर में कृषि कानून के विरोध में किसानों के साथ आवाज उठा रहे हैं और मौजूदा समय में वे भी अपने पति का साथ देने के लिए पिछले 3 दिनों से दिल्ली बॉर्डर पर ठंड में अपने पति के साथ बैठी हुई हैं। वहीं सितारगंज के बिष्टि गांव के रहने वाले जसविंदर सिंह भी पिछले 25 दिनों से गाजीपुर बॉर्डर में कृषि कानून के विरोध में अन्य किसानों के साथ बैठे हुए हैं और उनकी पत्नी राजविंदर कौर अपने घर में परिवार और खेती बाड़ी संभाल रही हैं। उन्होंने बताया कि उनके पति बॉर्डर में कृषि कानून के विरोध में शामिल हो रखे हैं और वे अपने बच्चों से लेकर खेती बाड़ी और जानवरों का सारा काम देख रही हैं। उन्होंने बताया कि वे भी जल्द ही अपने पति का साथ देने के लिए गाजीपुर बॉर्डर जाएंगी।