इंडियन प्रीमियर लीग जब से शुरू हुआ हैं, तब से ही दो टीमों का ही दबदबा इस लीग में रहा हैं. मुंबई इंडियंस और चेन्नई सुपर किंग्स 2019 के आईपीएल खिताब को जीतते ही मुंबई इंडियंस सबसे ज्यादा 4 खिताब जीतने वाली टीम बन गयी. इससे पहले वह चेन्नई सुपर किंग्स के साथ 3 खिताब जीतकर बराबरी पर थी.तो आज हम बात करने जा रहे हैं, आईपीएल के 12 साल के सफर के दौरान उन दो टीमों की जिन्होंने इस लीग में 100 से ज्यादा मैचों में अपनी जीत का परचम लहराया हैं. सबसे ज्यादा आईपीएल के खिताब जीतने वाली मुंबई इंडियंस के पास ही सबसे ज्यादा मैच जीतने का रिकॉर्ड दर्ज़ हैं, मुंबई इंडियन से 12 सालों में 187 मैच खेलकर 107 जीत अपनी जीत दर्ज़ करके यह कीर्तिमान आपने नाम किया हैं.हालाँकि मुंबई इंडियंस को इस दौरान 2 टाई और 78 मैचों में अपनी हार का भी सामना करना पड़ा हैं. वहीं अगर बात करें चेन्नई सुपर किंग्स की तो आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स के कुछ साल बैन के चलते मुंबई इंडियंस से कम मैच खेलने का मौका मिला हैं. इसके बावजूद चेन्नई सुपर किंग्स ने भी आईपीएल के इस सफर में 165 मैचों में से 100 मैचों में अपनी जीत दर्ज़ की हैं.
हालाँकि इस सफर के दौरान 63 मैचों में चेन्नई सुपर किंग्स को हार का सामना करना पड़ा, 1 मैच सुपर ओवर्स में हारा और 1 मैच बारिश के चलते रद्द हो गया. चेन्नई सुपर किंग्स की जीत प्रतिशत देखें तो वो अभी तक सबसे ज्यादा औसत रखने वाली टीम हैं.बाकी टीमों की बात करें तो कोलकाता नाईट राइडर्स 178 मैचों में 92 मैच में जीत और 83 में हार दर्ज़ की है. इसके साथ ही तीन मैचों में टाई का भी सामना करना पड़ा. विराट कोहली की आरसीबी ने 181 मैचों में से 83 जीते हैं और 92 में हार का सामना भी किया हैं. इसमें से भी 4 मैच रद्द और 2 मैच टाई हुए, जिसमे एक में हार और एक में जीत मिली हैं.
किंग्स एलेवेन पंजाब की बात करें तो उसने 176 मैचों में 80 जीत और 94 हार दर्ज़ की हैं. इसमें दो मैच टाई भी हुए जिसे वो सुपर ओवर्स में जीतने में कामयाब भी रहे. दिल्ली कैपिटल्स या दिल्ली डेयरडेविल्स की बात करें तो इन्होने हार का शतक जड़कर एक ऐसा रिकॉर्ड बनाने वाली हैं, जिसे कोई भी टीम तोडना नहीं चाहेगी. दिल्ली की टीम ने 177 मैच में 76 जीते हैं और 97 में हार भी दर्ज़ की हैं. इसमें से दो मैच रद्द और दो टाई हुए जिसमे से एक में जीत और एक में हार का सामना करना पड़ा.राजस्थान रॉयल्स की बात करें तो शुरूआती दौर में सबसे मजबूत लगने वाली टीम बाद में कमजोर टीम साबित हुई. इसने आपने फैंस को निराश करते हुए 147 मैचों में मात्र 73 जीत ही दर्ज सकी और 69 मैचों में हार का सामना करना किया. हालाँकि इसमें भी 2 मैच रद्द हुए और 3 मैच टाई जिसमे से फिर सुपर ओवर्स के दौरान 2 में जीत और 1 में हार का सामना करना पड़ा.