उत्तराखंड की गोल्डन गर्ल अंकिता ध्यानी ने अपने हौसले और हिम्मत से एक बार फिर साबित कर दिया कि कितने भी मुश्किले हो लेकिन मंजिल को हौसलों के आगे हारना पड़ता है। अंकिता ने सड़को और खेतों में कड़ी मेहनत की जिसका नतीजा ये निकला कि उन्होंने 60 वीं अंतर राज्यीय सीनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 5000 हजार मीटर दौड़ में कांस्य पदक जीत लिया । लेकिन एक कसक भी रह गई अगर सरकार उनकी गुहार सुन लेती तो वो ओलंपिक में प्रतिभाग कर सकती।
ओलंपिक में प्रतिभाग करना हर खिलाड़ी का सपना होता है। वो इसके लिए जी तोड़ मेहनत भी करते है। ऐसी ही मेहनत अंकिता ने भी की, उन्होंने सड़को पर खेतो पर दौड़ लगाई सरकार से मैदान की गुहार की ताकि वह देश का नाम रोशन कर सके लेकिन सरकार और खेल विभाग के लापरवाह रवैये के चलते अंकिता का ओलंपिक में प्रतिभाग करने का सपना टूट गया। पटियाला में चल रही 60वीं नेशनल इंटर स्टेट एथलेटिक्स प्रतियोगिता की पांच हजार मीटर दौड़ में अंकिता को तीसरा स्थान हासिल करते हुए कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा।लेकिन उन्होंने एक बार फिर प्रदेश का नाम रोशन किया है।
पौड़ी जिले के जयहरीखाल प्रखंड के अंतर्गत ग्राम मेरूड़ा निवासी अंकिता ध्यानी पहले भी कई पदक जीत चुकी हैं । उन्होंने भारतीय एथलेटिक्स महासंघ की ओर से पटियाला में शुरू हुई चैंपियनशिप में 16 मिनट 58.07 सेकेंड में अपनी दौड़ पूरी की ।इस दौड़ में वह तीसरे स्थान पर रहीं और ओलंपिक के लिए क्वालीफाई नही कर पाईं। गौरतलब है कि 1500 मीटर और 5000 मीटर इवेंट में इसी साल फरवरी माह में गुवाहाटी में हुई जूनियर नेशनल स्पर्धा में अंकिता ने स्वर्ण पदक जीता था ।