उत्तराखंड जिसे पर्यटन के क्षेत्र के हिसाब से काफी महत्वपूर्ण माना जाता है पारम्परिक हिन्दू ग्रन्थों और प्राचीन साहित्य में उत्तराखण्ड उल्लेख देखने को मिलता है। हिन्दी और संस्कृत में उत्तराखण्ड का अर्थ उत्तरी क्षेत्र या भाग होता है। राज्य में हिन्दू धर्म की पवित्रतम और भारत की सबसे बड़ी नदियों गंगा और यमुना के उद्गम स्थल क्रमशः गंगोत्री और यमुनोत्री तथा इनके तटों पर बसे वैदिक संस्कृति के कई महत्त्वपूर्ण तीर्थस्थान हैं। इस लिए इसे देवभूमि के नाम से जाना जाता है।
उत्तराखंड सरकार अब एक खास थीम पार्क का प्लान लेकर आई है इस थीम पार्क में 52 शक्तिपीठ की नकल बनाई जाएगी इस थीम पार्क में बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी आनंद ले सकेंगे और यह थीम पार्क धर्मनगरी हरिद्वार में बनाया जाएगा।
52 शक्तिपीठों के दर्शन करवाएगा।
दुनिया का पहला रिलिजियस टूरिज्म पर आधारित पार्क होगा यह थीम पार्क श्री दक्षेश्वर महादेव मंदिर के पास करनाल में बनाया जाएगा। जिलाधिकारी सी रविशंकर ने बताया कि इस योजना के तहत ग्राम देवपुर अहतमाल निकट दक्ष मंदिर कनखल में दस हेक्टेयर भूमि चयनित कर ली गई है। वन विभाग से एनओसी लेकर जल्द ही डीपीआर बनाकर शासन को रिपोर्ट भेजी जाएगी, धार्मिक संस्थाओं ने सम्पूर्ण भारतवर्ष के नक्शे के ऊपर सभी शक्तिपीठों की सरंचना तैयार करने का सुझाव दिया है। बैठक में उपस्थित सभी गणमान्य लोगों ने हरिद्वार में शक्ति पीठ के स्वरूप की स्थापना पर सहमति देते हुए खुशी जाहिर की है। हरिद्वार डिस्ट्रिक टूरिज्म ऑफिसर सीमा नौटियाल के मुताबिक ये पार्क एक ही जगह पर 52 शक्तिपीठों के दर्शन करवा सकता है।
टूरिज्म को मिलेगा बढ़ावा
उत्तराखंड जहां टूरिज्म के लिए सबसे महत्वपूर्ण स्थानों में से एक है वहीं इस फैसले के साथ उत्तराखंड के टूरिज्म पर काफी प्रभाव पड़ेगा। कोविड-19 की वजह से टूरिज्म पर काफी बुरा असर पड़ा है और के ट्रैवल इंडस्ट्री को काफी नुकसान भी हुआ है वहीं जब धीरे-धीरे सब नॉर्मल हो रहा है और उत्तराखंड में टूरिस्ट भी वापस लौट रहे हैं। वही अगर उन्हें कुछ नया दिया जाए तो इससे ट्रैवल इंडस्ट्री पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। उत्तराखंड सरकार के प्लान के मुताबिक इस एक थीम पार्क से ही उत्तराखंड के सभी 13 जिलों के टूरिज्म पर फर्क पड़ सकता है।
इस थीम पार्क को बनने में अभी काफी समय लग सकता है और ऐसे में अगर उत्तराखंड सरकार अभी से इसके प्रचार और प्रसार पर ध्यान देगी तो यकीनन लोगों की रुचि इस थीम पार्क की तरफ आएगी। हरिद्वार को पवित्र नगरी माना जाता है और ऐसे में भारत का एकलौता शक्तिपीठ थीम पार्क इस शहर को और भी ज्यादा खास बना देगा। ये पार्क कब तक खुलेगा या फिर इसके खुलने पर टिकट सिस्टम होगा या नहीं, इसे लेकर क्या-क्या सुविधाएं दी जाएंगी इसके बारे में अभी तक कोई भी जानकारी नहीं दी गई है।
क्यों अहम है शक्तिपीठ?
हिंदू पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक शक्ति पीठ वो स्थान हैं जहां सति के शरीर के टुकड़े गिरे थे। जैसा कि हम सब जानते हैं कि सति प्रजापति दक्ष की बेटी थीं जिन्होंने भगवान शिव से शादी की थी। सति के पिता ने एक यज्ञ करवाया था जिसमें शिव को नहीं बुलाया गया था। पति का ये अपमान देखकर सति ने उसी यज्ञ की आग में कूदकर अपनी जान दे दी थी। क्रोधित शिव ने सति के शरीर को अपने त्रिषूल पर रखकर पूरी धरती के चक्कर काटे थे। सति के शरीर के 52 टुकड़े 52 स्थानों पर गिरे जिन्हें शक्तिपीठ कहा जाता है। इन सभी स्थानों पर सति माता की पूजा की जाती है।
हरिद्वार पिछले कुछ समय से चर्चा का विषय बना हुआ है। गंगा का साफ पानी और कम टूरिस्ट्स के कारण हरिद्वार की नगरी बहुत ही साफ और स्वच्छ हो गई है। जहां अब धीरे-धीरे कर टूरिस्ट वापस जा रहे हैं वहीं दूसरी ओर हरिद्वार के इस थीम पार्क की खबर यकीनन बहुत ही रोचक लग रही है।