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रामनगर में 6 चीजें जो 2020 में शहर के सच्चे सारांश को पकड़ लेती हैं

उत्तराखण्ड के नैनीताल जिले के कुमाउं क्षेत्र में स्थित “रामनगर” एक नगरपालिका बोर्ड के रूप में कार्य करता है। रामनगर की समुन्द्रतल से ऊँचाई 345 मीटर (1132 फ़ुट) है । नैनीताल पहाड़ी प्रदेश से 65 किमी की दूरी पर स्थित कोसी नदियों के किनारे रामनगर शहर स्थित है। यह एक बाजार शहर है, जहां पर्यटक पूरे वर्ष के दौर में आते हैं क्योंकि यहाँ स्थित “जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय पार्क” पर्यटकों के लिए दर्शनीय स्थल है।

रामनगर की जादूमय सुंदरता, घनी हरियाली आसपास के जंगल में घिरी हुई है। रामनगर “जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क” का सबसे पुराना राष्ट्रीय उद्यान और भारत के एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल का गेटवे (प्रमुख द्वार) है। गार्जिया देवी मंदिर और (गोडसे सीता) के पास स्थित मां सिता बानी मंदिर भी कई पर्यटकों को आकर्षित करता है | यही रामनगर शहर के सच्चे सारांश को पेश करती हैं।

रामनगर का इतिहास


रामनगर का प्राचीन नाम महाभारत काल के उत्तरी पंचार की राजधानी “अहचत्तु” था। रामनगर शहर की स्थापना 1856-1884 में “कमिश्नर एच रामसे” द्वारा की गई थी। ब्रिटिश शासन के दौरान रामनगर में कुछ चाय बागान थे लेकिन बाद में उन्हें बंद कर दिया गया था। इस क्षेत्र के निकटतम जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क का नाम शिकारी के संरक्षणवादी “एडवर्ड जेम्स जिम कॉर्बेट” के नाम पर रखा गया है | जिन्होंने जिम कॉर्बेट की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। कॉर्बेट नेशनल पार्क भारत का सबसे पुराना राष्ट्रीय उद्यान है , जिसे 1936 में स्थापित किया गया था | जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क ने भारत और अन्य देशों के कई पर्यटकों को आकर्षित किया है।

आइए जानते हैं कि क्या खास है इन पर्यटन स्थलो में।

जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क


जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क भारत में एक महत्वपूर्ण स्थल है | यह राष्ट्रीय अभ्यारण उत्तरांचल राज्य के निरंतर जिले में रामनगर शहर के निकट एक विशाल क्षेत्र को घेर कर बनाया गया है , जो गढ़वाल और कुमाऊं के बीच रामगंगा नदी के किनारे लगभग 13 से 16 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है | इस स्थान के कई स्थलों में हाथी , चीता , शेर आदि रहते हैं | इसका नाम “जिम कॉर्बेट” के नाम पर रखा गया था , जिन्होंने इसकी स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी | इस पार्क में विभिन्न प्रकार के सुंदर-सुंदर फूल और वन्य जीव पाए जाते हैं | पार्क में 110 प्रकार के पेड़ , 50 स्तनपाई नसल के प्राणी , पक्षियों की 580 जातियां , 25 प्रकार के रहने वाले जीव पाए जाते हैं।

गार्जिया देवी मंदिर


गर्जिया देवी मन्दिर, उत्तराखण्ड में एक प्रसिद्ध मन्दिर है। “सुन्दरखाल” नामक गाँव में बसा यह मंदिर रामनगर से लगभग 15 किमी की दूरी पर स्थित है। गर्जिया मन्दिर छोटी-सी पहाड़ी के शीर्ष पर बना हुआ है | कोसी नदी इस मन्दिर के निकट से ही होकर बहती है । यह मंदिर माता पार्वती के प्रमुख मंदिरों में से एक है। मां पार्वती का एक नाम “गिरिजा” भी है | गिरिराज हिमालय की पुत्री होने के कारण इन्हें इस नाम से पुकारा जाता है । कत्यूरी राजाओं के काफी पहले इस स्थान पर कुरु राजवंश व अन्य कई राजवंशों ने शासन किया था | कत्यूरी राजवंश के अतिरिक्त चन्द्र राजवंश , गोरखा वंश और अंग्रेज शासकों ने यहाँ शासन किया था | महाभारत के समय यह राज्य इन्द्रप्रस्थ साम्राज्य (आधुनिक दिल्ली) के आधिपत्य में था | गर्जिया देवी को पहले “उपटा देवी” के नाम से जाना जाता था

सीता वाणी मंदिर


सीता बनी मंदिर भगवान राम की पत्नी देवी सीता को समर्पित है ऐसा माना जाता है कि उन्हें यहां धरती माता की गोद में प्रवेश किया हर साल रामनवमी के दौरान यहां मेला लगता है यह रामनगर से 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। हर साल लाखों श्रद्धालु इस मेले में सम्मिलित होने के लिए दूर-दूर भारत के राज्यों से आते हैं इसीलिए रामनगर में इसे एक महत्वपूर्ण पर्यटन फल माना जाता है

उमरिया डैम


उमरिया डैम कोसी नदी तट पर मलधन गांव में रामनगर से लगभग 17 किलोमीटर दूर स्थित है और एक प्रमुख पर्यटन आकर्षण है। इस की सुंदरता की वजह से यह एक महत्व रखता है