Home / करगिल / बीड़ी से निकली ……….. ने 14 झोपड़े ….. रा”ख कर दी गरीबों का हुआ ………..

बीड़ी से निकली ……….. ने 14 झोपड़े ….. रा”ख कर दी गरीबों का हुआ ………..

सावधानी की बात करना और सावधानी रखना -ये दोनों अलग-अलग बातें हैं यह तो सभी जानते है कि बीड़ी सिगरेट हमारे लिए कितने खत”र”ना”क है फिर भी लोग इसे छो”ड़”’ना नही चाहते है। धूम्र”पा”न वाले जानते हैं फिर भी परवाह नहीं करते – वो कारण ये है कि सबको अच्छी तरह पता है कि धू”म्र”पा”न आपकी इ’म्यु”नि”टी’ को तो खराब करता ही है उसके पहले आपके फेफड़ों को भी बर्बाद करता है. सभी लोग ये भी जानते हैं परंतु एक नया मा”म”ला सामने आया है

14 झोपड़ियां जल”कर रा”ख

हल्द्वानी के बनभूलपुरा इलाके में बीड़ी से निकली एक चिंगारी ने कई परिवारों की उम्मीदों को स्वाह कर दिया। आग लगने की वजह से मजदूरों की 14 झोपड़ियां जलकर राख हो गईं। दिनभर मजदूरी करने के बाद श्रमिकों ने पाई-पाई बचाकर जो जमापूंजी जोड़ी थी, वो सब आग की भेंट चढ़ गई। अब यहां रहने वाले 14 परिवार बेघर हैं, उनके पास रहने के लिए छत भी नहीं रही। हादसे की वजह बीड़ी से आग लगना बताई जा रही है। घटना बनभूलपुरा के आंवला गेट के पास की है। जहां सोमवार को आग लगने से 14 झोपड़ियां जलकर राख हो गईं। गनीमत रही कि हादसे के वक्त वहां पर कम लोग ही मौजूद थे। बाकी लोग गौला नदी में काम कर रहे थे। जिस वजह से उनकी जान बच गई। झोपड़ियों में आग लगने की वजह से कई मजदूरों के परिवार बेघर हो गए हैं। सारी जमापूंजी आग की भेंट चढ़ गई। एक मजदूर ने अपनी बहन की शादी के लिए 52000 रुपये के जेवरात बनाए थे, दूसरा सामान भी खरीदा था, लेकिन आग ने सब लील लिया। वहीं आग लगने के दौरान एक दिव्यांग बच्ची भी आग में फंस गई थी। जिसे उसके भाई ने अपनी जान जोखिम में डालकर बचाया।

सब कुछ जल कर हुआ राख

हादसे के बाद पीड़ित परिवारों का रो-रोकर बुरा हाल है। उनके पास अब सिर छुपाने के लिए कोई आसरा नहीं रहा। मजदूर और उनके बच्चे सड़क पर आ गए हैं। अब तक मिली जानकारी के मुताबिक एक मजदूर ने बीड़ी पीने के बाद उसे भूसे के ढेर में फेंक दिया था। यही लापरवाही 14 परिवारों के लिए मुसीबत का सबब बन गई। बीड़ी से निकली चिंगारी ने विकराल रूप ले लिया। जब तक पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंची, तब तक आग काफी फैल चुकी थी। फायर ब्रिगेड की तीन गाड़ियों ने आते ही बचाव कार्य शुरू कर दिया, लेकिन आग बुझाए जाने तक सबकुछ खत्म हो चुका था। आग लगने की वजह से सिर्फ झोपड़ियां ही नहीं जलीं, बल्कि पास में रखी साइकिल, रिक्शा, बाइक, अनाज, फ्रिज और कूलर सहित लाखों का सामान जलकर राख हो गया। पीड़ित मजदूरों ने प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है, ताकि वो अपनी जिंदगी नए सिरे से शुरू कर सकें।