उत्तराखंड के चमोली जिले के नारायणबगड़ विकास खंड के किमोली गांव से एक बेहद गंभीर मामला प्रकाश में आया है। ऐसे मामले प्रशासन की लापरवाही पर कई सवाल खड़े करते हैं। किमोली गाँव के ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि गाँव के उप-डाकघर के तत्कालीन पोस्टमास्टर ने ग्रामीणों की गाढ़ी कमाई और जमा पूंजी को धोखा दिया है और पिछले 10 वर्षों में तत्कालीन पोस्ट मास्टर ने 60 से अधिक जमा राशि की धोखाधड़ी की है। ग्रामीणों की राजधानी। पकड़ा गया नारायणबगड़ ब्लॉक के ग्रामीणों ने डाक विभाग पर अपना भरोसा खो दिया है। हां, एक तरफ, ग्रामीण अपनी मेहनत से कमाए गए पैसों को मेहनत से इकट्ठा करते हैं, लेकिन सरकारी विभाग अब ग्रामीणों का पैसा हड़पने में लगे हैं। गरीबों के कर्मचारी अपनी जेब भर रहे हैं और डाकघर में गरीबों की संचित पूंजी से समृद्ध हो रहे हैं, जिसे सबसे सुरक्षित और विश्वसनीय माना जाता है। ग्रामीणों का आरोप है कि पिछले 10 वर्षों में तत्कालीन पोस्टमास्टर ने ग्रामीणों की 60 लाख से अधिक जमा पूंजी को फर्जी तरीके से निकाल लिया है। आपको भी यह जानकर आश्चर्य होगा कि जब आप अंततः यह पता लगाते हैं कि ग्रामीणों को इस धोखाधड़ी के बारे में कैसे पता चला।
ग्रामीणों ने कहा है कि उनके लाखों रुपए की खून पसीने की कमाई यहां पर तैनात पोस्टमास्टर द्वारा हड़प ली गई है। आरोप है कि विगत 10 वर्षों में उनके द्वारा जमा की गई लगभग 60 लाख से भी अधिक की धनराशि पोस्ट ऑफिस में जमा की गई थी, जिसमें फिक्स, सेविंग, एफडी, एलआईसी एवं मनरेगा के पैसे सम्मिलित हैं। वे सभी पैसे पोस्ट मास्टर ने अपनी जेब में डाल दिए हैं। इस मामले का पता तब लगा जब बीते अगस्त 2020 में आरोपी पोस्ट मास्टर मुकेश कुमार की अन्य जगह तैनाती हो गई और वहां पर तैनात पोस्टमैन को उनकी जगह ड्यूटी पर लगा दिया। जब लोग उनके पास अपने पैसे निकालने हेतु पहुंचे तो उनके खातों में कोई भी पैसे नहीं होने पर सभी ग्रामीणों के होश उड़ गए और उन्होंने तुरंत ही इस बात की सूचना डाक निरीक्षक कर्णप्रयाग को दी। ग्रामीणों ने इस संबंध में डाक निरीक्षक को बकायदा पासबुक भी दिखाई।
जब डाक निरीक्षक पूर्वी रोहित कुमार द्वारा गांव में पहुंचकर इस पूरे मामले की जांच की गई तब जांच में ग्रामीणों के हिस्से का एक बड़ा घोटाला प्रकाश में आया। इस पूरी घटना के बाद से ग्रामीणों के बीच में रोष साफ दिखाई दे रहा है। निरीक्षक ने गांव में आकर ग्राहकों को उनकी जमा पूंजी लौटाने का पूरा आश्वासन दिया है मगर अभी भी 6 महीने से अधिक समय होने को आया है मगर कोई भी कार्यवाही नहीं हो पाई है। सहायक अधीक्षक गोपेश्वर बद्री प्रसाद थपलियाल का कहना है कि इस घोटाले के संबंध में उनको फोन पर जानकारी दी गई और इस पूरे मामले की जांच चल रही है। उन्होंने कहा कि आरोपी पोस्टमास्टर को निलंबित कर दिया गया है और जल्द ही एफआईआर भी दर्ज की जाएगी और इसी के साथ में उन्होंने यह आश्वासन दिया है कि जिन भी ग्रामीणों का पैसा इस पूरे घोटाले में हड़पा गया है उन सभी ग्रामीणों को उनका पैसा भी दिया जाएगा।