उत्तराखंड की तीर्थ नगरी ऋषिकेश यहां से एक बड़ी अजीबो-गरीब घ”ट”ना” सामने आई है। अक्सर हमने सड़कों पर सांडों और गाय को ल”ड़”ते” हुए देखा होगा, मगर ऋषिकेश में तो गजब हो गया। ऋषिकेश में एक घर के बेडरूम के अंदर दो सांडों और गाय की ज”ब”र”द”स्त” ल”ड़ा”ई” हो गई। जी हां, इस घ”ट”ना”’ की तस्वीरें किसी ने कैमरे में कैद की है और अब वे सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है घ”ट”ना” की तस्वीरों को लोग सोशल मीडिया पर खूब शेयर कर रहे हैं और इसी के साथ नगर निगम को इस बात के लिए जिम्मेवार ठहरा रहे हैं। अच्छी बात यह है कि इस घ”ट”ना” से किसी को नुकसान नहीं हुआ मगर जिस घर के अंदर गाय और सांड की ल”ड़ा”ई” हुई, वहां के मकान मालिक के सामान को जरूर नुकसान हुआ है। घटना ऋषिकेश के बनखंडी की बताई जा रही है।
ऋषिकेश के बनखंडी में नगर निगम की पार्षद अनीता रैना का घर है। उन्हीं के घर के बगल में उनके जेठ का भी घर है। घटना 2 दिन पहले की बताई जा रही है। घर के आंगन में कुर्सी पर उनके जेठ दोपहर के समय बैठे हुए थे। उनके घर का मुख्य द्वार खुला हुआ था।
कहीं से भी, दो बैल अपने घर से जूझते हुए अंदर आए। दो बैल घर में घुस गए और कमरे में घुस गए, एक दूसरे से ल”ड़”ते” हुए, पार्षद अनीता रैना के सीनियर भाई से भिड़ गए। घर के अंदर दो रा”क्ष”स” बैल को देखकर, रिश्तेदार असा”धा”र”ण रूप से भ”य”भी”त हो गए और हं’गा”मा” करने लगे। हंगा”मा” सुनकर, पड़ोसी अपने घर पहुंचे और देखा कि दोनों बैल कमरे के अंदर बे”त”हा”शा लड़ रहे हैं। इसी तरह वे यह देखकर चौं”क गए थे। इससे पहले कि पड़ोसी कुछ भी कर पाते, एक बोवाइन ने प्रख्यात नुकसान के खिलाफ ल”ड़ा”ई” लड़ी और वह अत्यधिक रूप से दोनों बैलों के साथ जूझने लगा। एक कमरे के अंदर दो सांडों और एक डे”य”री” जानवरों की भारी ल”ड़ा”ई”’ को देखकर, हर किसी के चेहरे का रंग उड़ गया। वे समझ नहीं पा रहे थे कि क्या हो रहा है।
गोजातीय और दो बैल के बीच की ल”ड़ा”ई” में, एक बैल उड़ गया और बिस्तर के ऊपर कूद गया और जूझने लगा। ज़मींदार और अलग-अलग पड़ोसियों ने जूझ रहे सांडों और डेयरी जानवरों को कमरे से बा”ह”र”’ निका”ल”ने का एक अच्छा प्रयास किया, और बहुत कठिन काम के बाद, पड़ोसियों और परिवार ने बैलों और गोजातीय को कमरे से बाहर निकालने के लिए ऊ”र्जा”वा”न रूप से भाग लिया और किसी तरह या किसी अन्य घर से बाहर। इस बात का हिसाब लगाया गया है कि बैल और गाय दोनों की इस उग्र झ”ड़”प” में कोई नुक”सा”न” नहीं हुआ है, फिर भी ज़मींदार के घर की संपत्ति बहुत अधिक हो गई है। इसके साथ ही, घटना के बाद से व्यक्तियों के बीच नगर निगम के प्रति घृणा स्पष्ट है। व्यक्तियों का कहना है कि खोए हुए जीव मूलभूत व्यावसायिक क्षेत्रों और पाठ्यक्रमों को समाप्त करते प्रतीत होते हैं, फिर भी नगर निगम इन बे”जुबा”न प्राणियों को पाने का मा”र्ग”’ नहीं खोज रहा है।