सारे मसूरी-नैनीताल जाने वाले सैलानी इस बात पर ध्यान दें, …………..

क्रिसमस और न्यू ईयर सेलिब्रेशन की तैयारियां जोरों पर है। उत्तराखंड के टूरिस्ट प्लेसेज में भी पर्यटकों के स्वागत का इंतजाम किया जा रहा है, लेकिन स्वागत की तैयारियों के बीच एक ऐसी खबर आई है। जिसे सुन पर्यटकों का मूड बिगड़ सकता है। खबर ये है कि अब क्रिसमस पर मसूरी और नैनीताल आने वाले पर्यटकों के लिए कोरोना जांच अनिवार्य कर दी गई है। उत्तराखंड हाईकोर्ट के आदेश में कहा गया कि जो भी पर्यटक मसूरी और नैनीताल आएगा, उसको कोविड जांच करानी होगी। फिलहाल तो कोविड जांच की अनिवार्यता सिर्फ मसूरी और नैनीताल के लिए है। यही वो दो जगहें हैं जहां क्रिसमस से लेकर न्यू ईयर तक सबसे ज्यादा भीड़भाड़ रहती है।

दिल्ली और आसपास के सैलानियों के लिए ये दोनों जगहें किसी जन्नत से कम नहीं। पिछले दिनों उत्तराखंड सरकार ने पर्यटकों के लिए कोविड जांच की अनिवार्यता खत्म कर दी थी। इसके पीछे सरकार का मकसद सूबे में पर्यटन को बढ़ावा देना था, लेकिन पर्यटकों की आमद बढ़ने के साथ ही प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले भी तेजी से बढ़ने लगे। जिसे लेकर हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है।

कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रवि कुमार मलीमथ और न्यायाधीश रवींद्र मैठाणी की खंडपीठ ने मसूरी और नैनीताल जाने वाले छुट्टियों के लिए आवश्यक स्क्रीनिंग करने का अनुरोध किया है। अब तक, मसूरी और नैनीताल में क्रिसमस और नए साल के उत्सवों के लिए व्यवस्थाएं चल रही हैं। प्रत्येक स्थान पर सभा की योजना बनाई जा रही है। यहां आने के लिए वैकेशनर्स ने सिर्फ अपॉइंटमेंट्स किए हैं, फिर भी इन दोनों स्पॉट्स में सेक्शन के लिए कोविद चेक जरूरी कर दिया गया है। उच्च न्यायालय के अनुरोध के अनुसार, सीओ मसूरी नरेंद्र पाल ने कहा कि जब उच्च न्यायालय के लिए अनुरोध प्राप्त हो जाएगा, तो परीक्षा को उसी तरह से शुरू किया जाएगा। अभी तक, संगठन स्तर पर पूर्ण सुरक्षा की जा रही है। जिला निगरानी समिति के अनुरोध के अनुसार सभी यात्रियों की गर्म जाँच की जा रही है। उन व्यक्तियों के लिए जो मुकुट के संकेत दिखाते हैं, नैदानिक समूह उन्हें तुरंत निरीक्षण करता है।

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