कोरोना संक्रमण के दस्तक देने के साथ ही शिक्षा विभाग के ऊपर इसका काफी गहरा प्रभाव देखने को मिला है। बीते मार्च से ही स्कूल बंद पड़े हुए हैं। हालांकि स्कूलों को खोला गया है मगर केवल बड़ी कक्षाओं के विद्यार्थी ही स्कूल आ रहे हैं। आने वाले कुछ महीनों में परीक्षाओं का मौसम भी शुरू हो जाएगा। ऐसे ही में सीबीएसई ने एक बड़ा निर्णय लिया है। सीबीएसई यानी कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने नौवीं तक के बच्चों की परीक्षा ऑनलाइन कराने की तैयारियां शुरू कर दी हैं। केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री संजय धोत्रे ने कहा है कि कोरोना की वजह से छोटे बच्चों को परीक्षाओं के लिए स्कूल बुलाना खतरे से खाली नहीं है। ऐसे में ऑनलाइन परीक्षा एकमात्र विकल्प बचता है जिसके ऊपर अब सीबीएससी फोकस कर रही है और नौंवी तक के बच्चों की ऑनलाइन परीक्षा करवाने की तैयारी कर रही है। उन्होंने कहा है कि 10वीं और 12वीं की बोर्ड की परीक्षाएं भी बस कुछ महीनों में आने वाली हैं। मगर सीबीएसई बच्चों के साथ कोई रिस्क नहीं लेगी और 10वीं एवं 12वीं बोर्ड की परीक्षा में भी कोई जल्दबाजी नहीं की जाएगी।
डाकघर के एक कार्यक्रम में पहुंचे एसोसिएशन के शिक्षा राज्य मंत्री संजय धोत्रे ने कहा कि वह अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में हैं और सीबीएसई बोर्ड मूल्यांकन के बारे में उनके साथ जांच कर रहे हैं। राज्य मंत्री ने कहा कि बोर्ड के आकलन के लिए कुछ निवेश की आवश्यकता हो सकती है। ताज की वजह से कई राज्यों में स्थितियां अविश्वसनीय रूप से गंभीर बनी हुई हैं। तदनुसार, सीबीएसई दसवीं और बारहवीं बोर्ड के मूल्यांकन का नेतृत्व नहीं करेगा, जब तक कि सभी राज्यों में स्थिति को मानकीकृत नहीं किया जाता है।
उन्होंने कहा कि नौवीं तक की समझ में ऑनलाइन मूल्यांकन का विकल्प होता है, इसलिए सीबीएसई नौवीं कक्षा तक के बच्चों के आकलन का नेतृत्व वेब पर करेगा। दसवीं और बारहवीं बोर्ड परीक्षणों के लिए ऑनलाइन आकलन अभी तक सोचा नहीं गया है। उन्होंने कहा कि सभी विषयों को उचित समय पर चुना जाएगा। अब तक, युवाओं की सुरक्षा अधिक महत्वपूर्ण है और सीबीएसई इस पर पूरा ध्यान दे रहा है।