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प्रॉपर्टी खरीदने वालों को देहरादून में इसने लगाया चूना..

देहरादून जिले से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। देहरादून में पु”लि”स की समझदारी और सूझबूझ के चलते एक बड़ा आ”रो”पी पुलि”स के ह”त्थे चढ़ चुका है। जी हां, हम बात कर रहे हैं उसी शातिर ठ’ग की जिसने फ’र्जी’ रजिस्ट्रियां तैयार कर करोड़ों रुपए की ठ”गी” को अंजाम दिया है। आरो”पी” आखिरकार पु”लि”स” के हत्थे आ चुका है। पु”लि”स काफी समय से इस आ”रो”पी को पकड़ने के लिए जाल बि”छा रही थी और आखिरकार आ”रो”पी जाल में फंस गया है। अब वह पु’लि’स की गिर”फ्त” में है। पु”’लि”स आ”रो”पी के खिलाफ काफी समय से साक्ष्य जुटाने में भी लगी हुई थी। तमाम साक्ष्यों के आधार पर पु”लि”स ने आ’रो”पी’ को ‘गि’र’फ्ता”र’ कर लिया है। करोड़ों के फ”’र्जी’वा”ड़ा’ करने वाले व्यक्ति की पहचान रितेश मिश्रा के रूप में हुई है, जिसको पु”लि”स’ ने आखिरकार अपनी हि”रा”’स’त ‘में” ले लिया है और शिमला बाईपास के पास से गिर”फ्ता”र” कर लिया है।

बता दें कि रितेश मिश्रा फ”र्जी” दस्तावेजों के आधार पर रजिस्ट्री कर लोगों से ठ”गी” करने का काम करता था। था”’ना”’ रायपुर प्रभारी दिलबर सिंह नेगी ने इस खबर की पुष्टि की और कहा कि’ ”आ’रो’पी ‘अब पु’लि”’स”’ की गि”र’फ्त’ ‘में’ है और अब उसके ऊपर’ ‘स’ख्त ‘से सख्त का”र्यवा”ही की जाएगी आपको बता दें कि इसी साल 22 अप्रैल को विकास नगर के निवासी इ”स्ला’म ने एक शि”का”य’त’ द”र्ज””””’ कराई थी।

इसमें उन्होंने कहा था कि रितेश मिश्रा ने नोनी रिपोर्ट पर निर्भर लगभग 14 पुस्तकालयों को प्राप्त करके लाखों रुपये प्राप्त किए थे। इस बिंदु पर जब इस्लाम रितेश मिश्रा के हित के बारे में सोचने लगा, तो उसने रितेश मिश्रा से अपनी नकदी को बहाल करने के लिए कहा, फिर भी वह सीधे नकद नहीं देगा। इसके साथ ही, पुलिस ने धोखाधड़ी और परीक्षा शुरू करने सहित विभिन्न क्षेत्रों के तहत आरोप के खिलाफ एक तर्क दिया। इस बिंदु पर जब पुलिस ने एक अंदर और बाहर की परीक्षा का नेतृत्व किया, तो यह उजागर किया गया कि रितेश मिश्रा ने अपने साथी फुरकान अली के साथ मिलकर “मेसर्स सनसेट बिल्डवेल” नामक एक फ़ॉनी फर्म खोली थी।

एक फ़ॉनी फर्म के आधार पर, वह व्यक्तियों की वाल्ट को सूचीबद्ध करता था और उनसे नकदी इकट्ठा करता था। इसी तरह उन्होंने नैनीताल बैंक के साथ देहरादून में कंपनी के नामांकन का प्रदर्शन करके मैसर्स सनसेट का रिकॉर्ड खोला। रितेश जोशी ने गारंटी दी कि 14 लोगों की खातिर सूर्यास्त बिल्डवेल के नकली नामांकन से फुरकान अली और महाराज सिंह बिष्ट सनसेट बिल्डवेल के मालिक थे। देहरादून से अग्रिम प्राप्त करके 1.50 करोड़। आपको बता दें कि रितेश मिश्रा डीएचएलएफएफ देहरादून में टाईअप क्रेडिट विशेषज्ञ के रूप में काम करते थे। आरोप के खिलाफ शिकायत दर्ज होने के बाद, पुलिस ने इस मुद्दे को ऊपर से नीचे तक खंगाला और रितेश मिश्रा के खिलाफ सभी सबूत इकट्ठा किए। सबूत के आलोक में, पुलिस ने लंबे समय से दोषी ठहराए गए रितेश मिश्रा को शिमला के क़रीब से पकड़ लिया है।