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उत्तराखंड की हरकी पैड़ी पर पैरों की रहस्यमयी आकृति पर नजर आई..उमड़ी भीड़ देखने के लिए आकृति

उत्तराखंड रहस्यों का देश है। आज भी, कई रहस्यमय स्थान हैं, जो विज्ञान के लिए भी एक पहेली बने हुए हैं। यहां आस्था के सामने विज्ञान भी नजर आता है। इन दिनों धर्मनगरी हरिद्वार भी एक रहस्यमयी पदचिह्न के लिए चर्चा में है। ऊपर जो तस्वीर आप देख रहे हैं, वह हरकी पैड़ी स्थित ब्रह्मकुंड के पास जलमग्न सीढ़ियों पर पाए गए पदचिह्न की है। इस पदचिह्न को देखकर हर कोई हैरान है। ये पदचिह्न लोगों के बीच चर्चा का विषय बने हुए हैं। पदयात्रा को देखने के लिए हर किसी की लहर है। हैरानी की बात यह है कि कई बार कोशिश करने के बाद भी यह निशान नहीं मिटा। पानी के नीचे की सीढ़ियों पर पदचिह्न उभरा हुआ है। गुरुवार सुबह जब तीर्थ पुरोहित हरकी पैड़ी के पास ब्रह्मकुंड के पास पहुंचे, तो उन्होंने सीढ़ियों पर एक आकृति देखी। करीब से देखने पर पता चला कि गंगा में डूबी सीढ़ियों पर एक पदचिह्न उभरा है। देखते ही देखते यह खबर चारों ओर फैल गई। हर तरफ लोग इकट्ठा होने लगे। इस बीच, कई लोगों ने हाथ से पदचिह्न हटाने की भी कोशिश की। लेकिन पदचिह्न जैसा था वैसा ही रहा। बाद में, श्री गंगा सभा महासचिव तन्मय वशिष्ठ को जानकारी दी गई।

उनका कहना है कि कई बार काई के ऊपर भी पदचिन्ह बन जाते हैं, लेकिन क्योंकि हरकी पैड़ी एक सिद्ध स्थान भी है। इसलिए पूरी जांच के बाद ही पदचिन्ह को लेकर स्थिति साफ हो पाएगी। आपको बता दें कि कुछ महीने पहले इसी जगह सीढ़ियों के पास एक शिला पर प्राचीन लिपि भी अंकित मिली थी। फिलहाल पुरातत्व विभाग लिपि की जांच कर रहा है। दरअसल ब्रह्मकुंड के पास मुख्य आरती के स्थान पर सीढ़ियों की मरम्मत का काम चल रहा था। इस दौरान सीढ़ियों के पत्थर के नीचे रखी शिलाओं पर प्राचीन लिपि अंकित दिखाई दी। मजदूरों ने इसकी जानकारी श्री गंगा सभा के पदाधिकारियों को दी। जिसके बाद मरम्मत का काम रुकवा दिया गया। श्री गंगा सभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ठ ने लिपी का वीडियो और फोटो पुरातत्व विभाग को भेजा है। अब इसी जगह सीढ़ी पर पदचिन्ह की आकृति मिली है। जो कि लोगों के बीच उत्सुकता का केंद्र बनी हुई है। लोग हैरान हैं, पदचिन्ह को लेकर क्षेत्र में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं।