त्योहारी सीजन को देखते हुए दून पुलिस हाई अलर्ट पर है। डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने सुरक्षा की खुद कमान संभाली हुई है। रविवार रात ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों की मुस्तैदी परखने के लिए डीआईजी अरुण मोहन जोशी आधी रात के बाद शहर के भ्रमण पर निकले। इस दौरान उन्होंने सरकारी वाहन की बजाय हिमाचल प्रदेश के नंबर की कार का इस्तेमाल किया। चेहरे पर मास्क भी लगा रखा था, ताकि पुलिसकर्मी उन्हें पहचान ना सकें। जांच के दौरान डीआईजी जिन दो पिकेट से गुजरे, वहां पुलिसकर्मी मुस्तैद नजर आए।
पुलिसकर्मियों ने कार की अच्छी तरह जांच-पड़ताल की। उसके बाद ही डीआईजी की कार को आगे जाने दिया गया। पुलिसकर्मियों की सतर्कता ने डीआईजी का दिल जीत लिया। उन्होंने पुलिसकर्मियों को पुरस्कृत करने की बात भी कही है। डीआईजी अरुण मोहन जोशी की गिनती प्रदेश के तेज तर्रार पुलिस अफसरों में होती है। उनकी छवि ईमानदार पुलिस अफसर की है। रविवार को डीआईजी देर रात शहर के भ्रमण पर निकले। सबसे पहले वो राजपुर रोड स्थित डायवर्जन पर पहुंचे। उस वक्त रात के करीब डेढ़ बजे थे। मौके पर तैनात पुलिसकर्मियों ने उनके वाहन को रोका और वाहन के दस्तावेज चेक किए। मोबाइल नंबर, नाम, पता और रात में घूमने की वजह पूछी। चालक ने जो जानकारी दी, उसे पुलिसकर्मियों ने रजिस्टर में दर्ज किया। इसके बाद ही वाहन को आगे जाने दिया गया।
बाद में डीआईजी का वाहन प्रिंस चौक पहुंचा। पुलिस अधिकारियों को भी इसी तरह मनाया गया। पुलिस ने 15 मिनट तक ड्राइवर की छानबीन की। पुलिस की चौकसी से संतुष्ट होकर डीआईजी ने उन्हें मुआवजा देने की सूचना दी है। पुलिस में हेड कांस्टेबल जयबंगवन गिरि, कांस्टेबल हिमांशु, कांस्टेबल विजय भास्कर, कांस्टेबल नवीन कुमार, कांस्टेबल आशीष नैनवाल, कांस्टेबल निशीप सिंह, कांस्टेबल संदीप राठी और कांस्टेबल अनूप कुमार शामिल होंगे। बुरो अरुण मोहन जोशी ने कहा कि जश्न और मिर्ची जलवायु वृद्धि में लूट जैसे उल्लंघन। ऐसे में पुलिस अधिकारियों का सावधान रहना मौलिक है। शहर की यात्रा के दौरान, पिकेट पर तैनात पुलिस को उनके दायित्व के लिए तैयार किया गया था। नतीजतन उन्हें मौद्रिक पुरस्कार देने की घोषणा की गई है।