उत्तराखंड के यूएस नगर में काशीपुर में मादा तेंदुआ 20 घंटे बाद भी अपनी शावक के पास नहीं पहुंची। काशीपुर में, लोगों और वन विभाग ने तेंदुए के शावक को इस उम्मीद पर सीवर पर छोड़ दिया था कि उसकी माँ जब उसे अकेले लेने आएगी, लेकिन बुरी खबर यह है कि 20 घंटे बाद भी उसकी माँ अभी तक नहीं आई थी उसके बच्चे के पास पहुँची। है। ऐसी स्थिति में, उस 1 महीने के बच्चे की जान बचाने के लिए, वन विभाग की टीम ने शावक को दूध और ग्लूकोज के साथ फिर से उसी स्थान पर छोड़ दिया है, इस उम्मीद में कि मादा तेंदुआ फिर से मौके पर आएगी शावक की तलाश है और यह इसे अपने साथ ले जाएगा। वहीं, वन विभाग ने भी ग्रामीणों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। और महिला गुलदार की हरकतों पर नजर रखने के लिए वहां कैमरे भी लगाए गए हैं।
बीते मंगलवार की सुबह काशीपुर के कचनालगाजी के निवासी जीत सिंह को अपने खेत में 1 महीने का तेंदुए का शावक मिला था और उसने गांव वालों को इस बारे में सूचित किया। गांव वाले 1 माह के शावक को अपने साथ ले आए। ग्रामीणों ने शावक के मिलने की सूचना वन विभाग को दी। सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और शावक को अपने पास रख लिया। वन विभाग की टीम में शाम को लगभग 5 बजे शावक को एक टोकरी में रखकर उसी स्थान पर छोड़ दिया जहां से ग्रामीणों ने उसको उठाया था। वन विभाग को यह उम्मीद थी कि उसकी मां शावक को ढूंढते हुए वहां पर जरूर आएगी। वहीं वन विभाग ने मादा तेंदुए की मूवमेंट पर नजर रखने के लिए वहां पर कैमरा भी लगाया था, मगर 20 घंटे बीत जाने के बाद भी मादा तेंदुआ शावक के पास नहीं पहुंची है।
वहीं बुधवार की सुबह वन विभाग की टीम ने शावक को ग्लूकोज और दूध पिलाया और एक बार फिर से उसको उसी स्थान पर रखकर टोकरी में छोड़ दिया है। आज शाम को एक बार फिर से वहां पर कैमरा लगाया गया है और मादा गुलदार की मूवमेंट पर नजर भी रखी जा रहे है। वन विभाग को उम्मीद है कि मादा गुलदार अपने बच्चे को खोजते हुए उस जगह पर जरूर आएगी। वहीं उन्होंने ग्रामीणों को भी सतर्क रहने की चेतावनी दे दी है। मादा तेंदुआ अपने शावक की तलाश में हिंसक भी बन सकती है। इसी को देखते हुए वन विभाग ने वहां के लोगों को एहतियात बरतने की सलाह देती है और अंधेरा होने के बाद घरों से बाहर निकलने से भी मना कर दिया है।