कोरोना युग ने हमारे जीवन को पूरी तरह से बदल दिया। सबसे बुरा असर उस मासूम पर पड़ा है जो पिछले दस महीने से स्कूल खुलने का इंतज़ार कर रहा था। यह इंतजार अभी खत्म होने को है। वर्तमान में, राज्य में 10 वीं और 12 वीं कक्षा के छात्रों के लिए कक्षाएं संचालित की जा रही हैं। अगले कुछ दिनों में 9 वीं और 11 वीं की कक्षाएं भी शुरू होंगी। जबकि छठी से आठवीं तक की कक्षाएं 1 फरवरी से खोलने की योजना है। इस तरह, 1 फरवरी से कक्षा 6 से कक्षा 12 तक के छात्रों के लिए स्कूल खोले जाएंगे। उत्तराखंड में टीकाकरण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। कोरोना संक्रमण की दर में भी कमी आई है। जिसके बाद 1 फरवरी से स्कूल खोलने की योजना है। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने शिक्षा निदेशक आरके कुंवर को स्कूल खोलने का प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया है। इस पर अंतिम निर्णय कैबिनेट की बैठक में लिया जाएगा। विभागीय प्रस्ताव में माता-पिता की राय को प्राथमिकता दी जाएगी। शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने शिक्षा निदेशक और सभी नोडल अधिकारियों को व्यवस्था पर अतिरिक्त सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं।
इस तरह 1 फरवरी से कक्षा 6 से कक्षा 12 तक के छात्र स्कूल जा सकेंगे। इसके लिए कई नए मानक लागू किए गए हैं। जैसे सुबह स्कूल मैदान में होने वाली प्रार्थना सभा नहीं होगी। छात्र क्लासरूम में ही सुबह की प्रेयर कर सकते हैं। इसके साथ ही सभी प्रकार की सांस्कृतिक और खेल गतिविधियां भी प्रतिबंधित रहेंगी। सर्दी, खांसी और जुकाम-बुखार की शिकायत मिलने पर छात्र को स्कूल से लौटा दिया जाएगा। छात्रों के लिए मास्क पहनना अनिवार्य है। स्कूल आने के लिए अभिभावकों की अनुमति जरूरी है। थर्मल जांच और हाथ सैनेटाइज करने के बाद ही स्कूल में एंट्री मिलेगी। हर पाली के बाद हर कक्षा का सैनेटाइजेशन किया जाएगा। दो छात्रों के बैठने के बीच में छह फीट की दूरी अनिवार्य है। स्कूल बस का हर दिन सैनेटाइजेशन होगा। स्कूल में कोरोना पॉजिटिव मामला प्रकाश में आने पर शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग को तुरंत सूचना देनी होगी। एसओपी का उल्लंघन होने पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।