अनलॉक के तहत प्रदेश में धीरे-धीरे सभी सेवाएं खुलने लगी हैं। पाबंदियों में ढील मिलने के बाद 2 नवंबर को प्रदेश में स्कूल खोलने की शुरुआत भी हो गई। सभी सेवाएं ढर्रे पर लौटने लगी हैं, लेकिन डिग्री कॉलेज कब खुलेंगे, ये सवाल अब भी बरकरार हैं। कॉलेज बंद होने की वजह से छात्र परेशान हैं। पहाड़ी क्षेत्रों में ऑनलाइन पढ़ाई भी मुश्किल से हो पा रही है। सूत्रों की मानें तो प्रदेश सरकार ने अब कॉलेजों को खोलने का मन बना लिया है। 18 नवंबर को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक होनी है।
इस बैठक में डिग्री कॉलेज खोलने का निर्णय लिया जा सकता है। जिस तरह चरणबद्ध तरीके से स्कूल खोलने की शुरुआत हुई, उसी तरह डिग्री कॉलेज भी खोले जाएंगे। पहले चरण में यूजीसी की गाइडलाइन के तहत, सिर्फ प्रैक्टिकल के लिए ही कॉलेज खोले जाएंगे। हालांकि इसमें भी एक पेंच फंसा है। सूबे के निजी कॉलेज संचालक सभी कक्षाओं को खोलने की मांग कर रहे हैं। निजी कॉलेज संचालक क्या कह रहे हैं, ये भी जान लें। निजी कॉलेज संचालकों का कहना है कि उनके लिए कॉलेजों को सिर्फ प्रैक्टिकल के लिए खोलना मुश्किल है।
समझ का एक बड़ा हिस्सा सराय में रहता है। ऐसी परिस्थिति में, प्रशासक कम समझ के लिए सराय खोलने के लिए सहमति नहीं देंगे। निजी स्कूल प्रशासकों ने कहा कि प्रशिक्षण आंदोलन विश्वविद्यालयों से ही शुरू होना चाहिए। फिर भी, सार्वजनिक प्राधिकरण पहले स्कूल खोल रहा है। वर्तमान में इसी तरह निर्देश प्रभाग के पक्ष को जानते हैं। उच्च शिक्षा के क्षेत्रीय कार्यालय के संयुक्त निदेशक डॉ। पीके पाठक ने कहा कि यूजीसी के दिशानिर्देशों के मुख्य अवधि में, स्कूल जाने के लिए केवल उचित समझ की अनुमति दी गई है।
इस प्रकार, उत्तराखंड में विश्वविद्यालयों को केवल आसान समझ के लिए खोला जाएगा जैसा कि यह था। शेष कक्षाओं को अब ऑनलाइन दिखाया जाएगा। इन पंक्तियों के साथ, राज्य दसवीं और बारहवीं की समझ के लिए स्कूल खोलने के बाद एक स्कूल खोलने की योजना बना रहा है। बहरहाल, डिग्री स्कूलों सहित अन्य उच्च शिक्षा संस्थानों को खोलने का विकल्प इस बिंदु पर नहीं चुना गया है। केंद्र सरकार ने अपनी पसंद राज्य सरकारों पर छोड़ दी है। 18 नवंबर को लटकाए जाने वाले ब्यूरो की बैठक में स्कूल खोलने के लिए एक अंतिम विकल्प लिया जा सकता है।