केंद्र की मदद से उत्तराखंड का चारधाम रेल परियोजना से जुड़ने जा रहा है। परियोजना का काम तेजी से आगे बढ़ रहा है। पहाड़ों को रेल भेजने की प्रक्रिया में लगी केंद्र सरकार की मदद से जल्द ही बद्रीनाथ-केदारनाथ में रेल लाइन बिछाई जाएगी। परियोजना की डीपीआर यानी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार है। डीपीआर रेलवे बोर्ड को भेज दी गई है। परियोजना पर 44 हजार करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। बद्रीनाथ-केदारनाथ रेलवे लाइन के अलावा, गंगोत्री-यमुनोत्री रेलवे लाइन परियोजना पर भी काम चल रहा है। आइए अब हम आपको परियोजनाओं के बारे में मुख्य बातें बताते हैं।
राज्य में इन दिनों ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे परियोजना का काम चल रहा है। इसके बाद, बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम के लिए रेलवे लाइन बिछाने का काम कर्णप्रयाग से किया जाएगा। बद्रीनाथ धाम से जोशीमठ तक रेल लाइन बिछाई जाएगी। इसकी लंबाई 68 किमी है। यह रेल मार्ग 11 सुरंगों और 12 प्रमुख पुलों से होकर गुजरेगा। इस रेल मार्ग की सबसे लंबी सुरंग 14 किमी होगी। रेलमार्गों के बीच चार रेलवे स्टेशन स्थापित किए जाएंगे। कर्णप्रयाग-जोशीमठ रेल मार्ग में साईकोट जंक्शन होगा। पहला स्टेशन घाट रोड पर तिरुपथ होगा, दूसरा पीपलकोटी होगा, तीसरा हेलंग होगा और चौथा जोशीमठ होगा। अब केदारनाथ रेल परियोजना के बारे में भी जानते हैं। इसके लिए कर्णप्रयाग से सोनप्रयाग तक रेल लाइन बिछाई जाएगी। रेल लाइन की लंबाई 91 किमी होगी।
इस रेलवे ट्रैक के लिए 20 बड़े पुलों का निर्माण किया जाएगा। साथ ही 19 सुरंगें बनाई जाएंगी। जिसमें सबसे लंबी सुरंग 17 किमी की होगी। इस रेल मार्ग पर छह रेलवे स्टेशन बनेंगे। केदारनाथ रेलमार्ग में साईकोट जंक्शन से पहला स्टेशन बड़ेत, दूसरा फलासी-चोपता, तीसरा मक्कूमठ, चौथा गढ़गू, पांचवा ऊखीमठ स्टेशन और छठा व आखिरी रेलवे स्टेशन सोनप्रयाग में बनेगा। रेल विकास निगम ने सर्वे का काम पूरा कर लिया है। रेल विकास निगम की योजना बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम तक रेल पहुंचाने की है। रेल विकास निगम के परियोजना प्रबंधक ओपी मालगुड़ी ने बताया कि परियोजना की लागत करीब 44 हजार करोड़ आंकी गई है। बदरीनाथ-केदारनाथ रेल लाइन योजना की डीपीआर तैयार कर उसे रेलवे बोर्ड को भेज दिया गया है।