आईपीएस अशोक कुमार। वो पुलिस अफसर जिन्हें उत्तराखंड पुलिस का चेहरा बदलने वाले अफसर के तौर पर जाना जाता है। अब तक डीजी लॉ एंड ऑर्डर के तौर पर जिम्मेदारी निभा रहे आईपीएस अशोक कुमार उत्तराखंड के नए डीजीपी हैं। सोमवार को नए पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने निवर्तमान डीजीपी अनिल रतूड़ी से विधिवत कार्यभार संभाल लिया है। पदभार संभालने के साथ ही उन्होंने बतौर डीजीपी अपना पहला सर्कुलर जारी किया। जिसमें उन्होंने अपनी प्राथमिकताएं गिनाईं, अपने लक्ष्यों के बारे में बताया। डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि पीड़ित केंद्रित पुलिसिंग ही उनका लक्ष्य होगा। जनता को न्याय दिलाना पुलिस का काम है, जिसके लिए जनता को साथ रखना होगा। डीजीपी ने कहा कि उत्तराखंड पुलिस जनता के लिए मित्र बनेगी और बदमाशों के लिए खौफ। थानों-चौकियों में पीड़ितों की शिकायत ना सुनने वाले थानेदार और चौकी प्रभारी दंडित किए जाएंगे। पुलिस मुख्यालय में हुई प्रेस कांफ्रेंस में प्रदेश के डीजीपी अशोक कुमार ने कई मुद्दों पर बात की। उन्होंने जनता के साथ, पुलिसकर्मियों के हितों पर भी अपने विचार रखे। तबादला नीति को लेकर डीजीपी ने कहा कि पुलिस रूल के हिसाब जो सही है उसी के आधार पर पुलिसकर्मियों के तबादले आदि किए जाएंगे।
सार्वजनिक आपत्तियों को पुलिस मुख्यालय में 100% दिया जाएगा और समय पर खारिज कर दिया जाएगा। विरोध न हो इसके लिए उत्तरदायी पुलिस के खिलाफ कदम उठाया जाएगा। पुलिस को उत्सुक बनाया जाएगा, इसके लिए पुलिस कर्मचारियों को अपनी कार्यशैली में सुधार करना चाहिए। हताहतों की सुविधाजनक इक्विटी उनका प्राथमिक लक्ष्य है। पुलिस महानिदेशक ने कहा कि वह हर रोज़ एक बेहतर पुलिसिंग देने के लिए एक ईमानदार प्रयास करेंगे। महिलाओं, वृद्धों और युवाओं के प्रति पुलिस को अधिक मार्मिक बनाया जाएगा।
राज्य के प्रत्येक पुलिस मुख्यालय में लेडी सब-कंट्रोलर और कॉन्स्टेबल को अनिवार्य रूप से अवगत कराया जाएगा, इस लक्ष्य के साथ कि महिलाएं अपनी कठिनाइयों को रखने में संकोच नहीं कर सकती हैं। डिजिटल सेल जंगल के डिजिटल गलत कामों में लगेगी। पुलिस विभाग को 100% सीधा बनाया जाएगा। अनुशासनहीनता, दुर्व्यवहार और कुल आबादी के साथ उपद्रवी होने के लिए पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कदम उठाया जाएगा। महान काम पूरा करने वाले पुलिसकर्मियों को मुआवजा दिया जाएगा, जबकि पागल पुलिस को फटकार लगाई जाएगी।