भारत-चीन के संबंधों में ग”’तिरो”ध जारी है। सीमा पर त”ना”व कम नहीं हो रहा तो वहीं चीन की बौखलाहट के बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने चीन से लगती सीमा पर सड़कों के निर्माण का काम तेज कर दिया है। बात करें उत्तराखंड की तो यहां भी ड्रैगन को मुंहतोड़ जवाब देने के इंतजाम किए जा रहे हैं। भारत उत्तराखंड के सीमावर्ती इलाकों में आधारभूत सुविधाओं को बढ़ा रहा है, यहां सड़कों का जाल बिछा रहा है। इसी कड़ी में चमोली जिले की नीती घाटी के गांवों को डबल लेन सड़क सेवा से जोड़ने की तैयारी है। चीन सीमा से सटी नीती घाटी के 12 गांव जल्द ही डबल लेन सड़क सेवा से जुड़
जाएंगे। ये इलाका इस वक्त बर्फ से ढका है। मार्च में बर्फ पिघलने के बाद सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) मलारी से नीती गांव तक सड़क के चौड़ीकरण का काम शुरू कर देगा। नीती घाटी में डबल लेन रोड होगी तो चीन बॉर्डर तक सेना के वाहनों की आवाजाही सुगम हो जाएगी।स्थानीय लोग पत्राचार प्रशासन में सुधार करेंगे। चमोली की नीती घाटी यात्रा उद्योग से महत्वपूर्ण दृष्टिकोण के रूप में महत्वपूर्ण है। भोटिया वंश के लगभग 12 शहर हैं। मलारी-नीती सड़क के रूप में विशाल सशस्त्र बल वाहनों का विकास शेष भागों के परीक्षण के रूप में अभी तक एकल पथ है। सिंगल पाथ स्ट्रीट पर वाहन का विकास परेशानी भरा है। इसके अलावा हादसों का डर भी बना हुआ है।
वर्तमान में बीआरओ इस सड़क को दो गुना करने जा रहा है। उपक्रम के तहत, जोशीमठ से मलारी (60 किमी) तक की बीआरओ सड़क को दो गुना बनाने के लिए समाप्त कर दिया गया है। जोशीमठ से मलारी तक की एक दुगनी पथ सड़क को इकट्ठा किया गया है। इसका ब्लैक-टॉप अतिरिक्त रूप से समाप्त हो गया है। वर्तमान में मलारी से नीती शहर तक सड़क दुगनी हो जाएगी। 20 किमी लंबी यह सड़क खुरदरी है, जिस पर वाहनों का विकास परेशानी भरा है। जैसा कि प्रामाणिक स्रोतों से संकेत मिलता है, मार्च से नीटो शहर को दुगना करने के लिए दुगना पथ कार्य शुरू किया जा रहा है। टास्क के तहत बीआरओ यहां सात इंजन कनेक्ट बनाएगा। मलारी से नीती तक की सड़क दुगुनी होगी। जो सशस्त्र बल और विभिन्न वाहनों के विकास को प्रोत्साहित करेगा। तूफ़ानी रास्ते की वजह से तूफानी मौसम में सड़क बंद नहीं होगी। यहां विशाल सशस्त्र बल वाहनों का सरल विकास होगा।