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अन’लॉ’क-4 की गाइडलाइन जारी: 2000 लोगों की सी’मा’ का ‘प्र’तिबं’ध ह’टा ओर जानिए क्या है नियम

उत्तराखंड राज्य में अन्य राज्यों के लोगों को जाने के लिए अब पास के आवश्यकता नहीं है अब यह बड़ी खबर आई थी। दूसरे जिलों में जाने वाले लोगों के ऊपर आवाजाही में अब किसी प्रकार की पा’बं’दी नहीं लगेगी केंद्रीय गृह मंत्री ने राज्य सरकार और राज्य में किसी भी आने वाले व्यक्तियों पर से प्रति’बं’ध हटा दिया था। केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से अन’लॉ’क-4 की गाइडलाइन जारी होने के साथ ही प्रदेश सरकार ने भी प्रदेश में आने वाले लोगों की प्रति दिन 2000 लोगों की सी’मा’ का प्रति’बं’ध’ ह’टा’ दिया है।

1 दिन में 2000 लोग ही ले सकते थे प्रवेश

इससे पहले केंद्र सरकार ने राज्य में आवाजाही पर कुछ प्र’ति’बं’ध लगाए थे जिसमें कई सी’मा’एं थी उत्तराखंड राज्य में जाने के लिए या आने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना पड़’ता था इससे लो’गों को ब’ड़ी सम’स्या’ का सा’म’ना करना प’ड़’ रहा था। 1 दिन में केवल 2000 लोग ही रा’ज्य में प्र’वेश ले सकते थे इस संख्या निर्धारण की वजह से कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। पर केंद्र ने इस प्रतिबंध को समाप्त कर दिया है इस प्रतिबंध के बाद रोज जितने चाहे लोग राज्य में प्रवेश ले सकते हैं। बिलकुल सामान्य तरह से। इस प्रतिबंध से हटने से कई लोगों ने चैन की सांस ली है परंतु प्रतिबंध हटने से कई घातक परिणाम हो सकते हैं जिससे आने वाले समय ही बताएगा।

वेबसाइट पर अनिवार्य रूप से पंजीकरण कराना होगा

दूसरे आदेश में यह जोर देकर कहा गया कि राज्य में बाहर से आने वाले लोगों को स्मार्ट सिटी की वेबसाइट पर अनिवार्य रूप से पंजीकरण कराना होगा। खास बात यह भी है कि बॉर्डर चेक पोस्ट पर पंजीकरण दस्तावेज दिखाने की शर्त को नहीं हटाया गया है। इसी के साथ यह भी स्पष्ट किया गया है कि आरटी-पीसीआर टेस्ट भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद की अधिकृत लैब से ही कराना होगा।

दो हजार की सीमा को रखना चाहती थी सरकार

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कुछ समय पहले ही राज्यों से कहा था कि स्थानीय स्तर पर आवाजाही पर लगाए गए प्रतिबंध समाप्त करें। संक्रमण को बढ़ता देखते हुए प्रदेश सरकार दो हजार का प्रतिबंध हटाने के पक्ष में नहीं थी। 22 अगस्त के केंद्र सरकार के पत्र ने इस स्थिति का बदल दिया। अनलॉक-4 गाइडलाइन में एमएचए ने स्पष्ट कहा कि कोई स्थानीय प्रतिबंध नहीं होना चाहिए।
इस आदेश को जारी करते हुए प्रदेश सरकार ने चार अगस्त को जारी गाइडलाइन को अतिक्रमित नहीं किया है। चार अगस्त की गाइडलाइन के दो प्रावधानों को ही छेड़ा है। ऐसे में कोविड लोड वाले शहरों से आने वालों को आरटीपीसीआर टेस्ट कराना होगा। इसी तरह से क्वारंटीन होने के पहले के नियम ही प्रभावी माने जाएंगे।


जहां देश में आए दिन कोरोनावायरस के मामले बढ़ते जा रहे हैं और कई लोगों की मौतों के मामले भी सामने आ रहे हैं दिल्ली, महाराष्ट्र जहां पर कोरोनावायरस के अधिक मामले हैं वहीं प्रतिबंध हटने से अगर उत्तराखंड के वह क्षेत्र भी संक्रमित हो गए जहाँ पर मामले या तो है नही या फ़ीर कम है, तो हालात को कंट्रोल करना मुश्किल हो सकता है पर यह तो आने वाला समय ही बताएगा कि इस प्रतिबंध के हटने से के क्या परिणाम होंगे।

पर्यटन को हुआ काफ़ी नुकसान


उत्तराखंड जा पर्यटन के लिए एक बड़ा केंद्र है वही इस फैसले की वजह से उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान हुआ था। उत्तराखंड में कई ऐसे पर्यटन स्थल है जहां लोग काफी दूर दूर तक घूमने आते हैं देश हो या विदेश हर जगह के पर्यटक यहां घूमने आते हैं इसी को मद्देनजर रखते हुए केंद्र सरकार ने फैसला लिया है कि राज्य के राज्य में आने जाने वाले लोगों को अब किसी की मंजूरी नहीं लेनी होगी इस फैसले से उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था को दोबारा से उठाने के प्रयास किए जा रहे हैं