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अब पहली इलेक्ट्रिक बस का ट्रायल शुरू हुआ देहरादून में ..

जो लोग दून से प्यार करते हैं। इसकी खूबसूरती को सहेजना चाहते हैं, उनके लिए एक अच्छी खबर है। शहर को प्रदूषणमुक्त परिवहन सेवा देने की कवायद शुरू हो गई है। स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत शहर में स्मार्ट इलेक्ट्रिक बसों का संचालन होगा। शुक्रवार से इसकी शुरुआत भी हो गई। देहरादून स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत शुक्रवार को इलेक्ट्रिक बस का ट्रायल रन शुरू किया गया। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इलेक्ट्रिक बस को हरी झंडी दिखाकर ट्रायल रन का शुभारंभ किया। देहरादून स्थित मुख्यमंत्री आवास से इस ट्रायल रन की शुरूआत हुई। इस मौके पर सीएम ने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार दून शहर को स्मार्ट बनाने के साथ ही यहां प्रदूषण नियंत्रण के लिए भी लगातार प्रयास कर रही है।

इसी कड़ी में इलेक्ट्रिक बसों के संचालन की शुरुआत की गई है। ये एक अच्छी पहल है। पर्यावरण की दृष्टि से ये उत्तराखंड के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में 2030 तक पूरे देश में इलेक्ट्रिक बसों के संचालन की योजना है। बात करें देहरादून की तो स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत इस वित्तीय वर्ष में शहर में 30 इलेक्ट्रिक बस चलाने के प्रयास किए जा रहे हैं। सीएम ने कहा कि धीरे-धीरे मसूरी, ऋषिकेश और हरिद्वार तक इलेक्ट्रिक बसों के संचालन की योजना है। इस मौके पर मेयर देहरादून सुनील उनियाल गामा, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के सीईओ और डीएम डॉ. आशीष श्रीवास्तव और विधायक गणेश जोशी भी मौजूद थे। चलिए अब आपको दून शहर में चलने वाली स्मार्ट इलेक्ट्रिक बसों की खूबियां बताते हैं।

दून में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत 30 इलेक्ट्रिक ट्रांसपोर्ट चलाने की योजना है। पूर्वांचलियों के लिए मुख्य विद्युत परिवहन देहरादून आ गया है। इसकी प्रारंभिक कोशिश आज से शुरू हो गई है। इलेक्ट्रिक ट्रांसपोर्ट में 26 सीटें होंगी। दबाव चालित ढलानों के रूप में अप्रत्याशित तरीके से विकलांग व्यक्तियों के लिए व्हीलचेयर होगी। जब शुल्क लिया जाता है, तो परिवहन से 150 किमी तक संपर्क किया जा सकता है। इलेक्ट्रिक ट्रांसपोर्ट में ड्राइवर डेटा फ्रेमवर्क होगा। इसी तरह इसमें कई तरह के हाइलाइट्स होंगे, जिनमें संकटकालीन कैच और पोर्टेबल चार्जिंग फ्रेमवर्क शामिल हैं। प्राथमिक परिवहन के लिए चलने वाला परिवहन हैदराबाद से सड़क के माध्यम से दून पहुंचा। इस घटना में कि प्राथमिक इलेक्ट्रिक ट्रांसपोर्ट प्रीलिमिनरी फलदायी है, अन्य ट्रांसपोर्ट इसी तरह जल्द ही कहलाएंगे। शहर में अभिनव वाहन ढांचे के लिए एक संगठन के माध्यम से 30 इलेक्ट्रिक ट्रांसपोर्ट खरीदे गए हैं। जिसे जीसीसी (ग्रास कॉस्ट कॉन्ट्रैक्ट) मोड पर काम किया जाएगा।