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अपने स्वर्गवासी कांस्टेबल पिता का सपना पूरा कर दिखाया बेटी ने , upsc एग्जाम किया क्रैक

इस बात को तो आपसे भी अच्छे से जानते होंगे कि हर वर्ष कितने ज्यादा विद्यार्थी यूपीएससी एग्जाम के लिए फिगरेशन करते हैं। लेकिन उनमें से चंद जी लोग होते हैं जो इस पेपर को करें अपना सपना पूरा कर पाते हैं और यूपीएससी का एग्जाम निकाल देते हैं कुछ ऐसा ही कारनामा कर दिखाया है श्वेता रावत ने जिन्होंने अपने हेड कॉन्स्टेबल पिता का सपना पूरा करने के लिए दिन रात एक कर दी और उनका सपना जी रही है आज। कुछ ऐसे ही एक प्रेरणादायक दास्तान है स्वीटी सहरावत (IAS Sweety Sehrawat) की, जिन्होंने कड़े संघर्ष के बाद वह मुकाम हासिल किया जो उनके स्वर्गीय पिता का सपना था।

पिता चाहते थे बेटी IAS ऑफिसर बने

स्वीटी सहरावत (IAS Sweety Sehrawat) के पिताजी का सपना था कि उनकी बेटी एक IAS ऑफिसर बने। स्वीटी के पिताजी दिल्ली पुलिस में बतौर हेड कांस्टेबल काम करते थे, परंतु दुर्भाग्यवश वर्ष 2013 में उनकी मृत्यु एक रोड एक्सीडेंट में हो गई थी। स्वीटी के पिताजी तो नहीं रहे लेकिन उन्होंने अपने पिताजी का सपना पूरा करने का दृढ़ निश्चय कर लिया था। जब स्वीटी 28 साल की थी तो उन्होंने UPSC की परीक्षा देने के लिए अपनी जॉब भी छोड़ दी। इनके पिताजी का नाम दले राम था और उन्होंने वर्ष 1989 में दिल्ली पुलिस में जॉइनिंग की थी।

एक रिपोर्ट के मुताबिक स्वीटी डिजाइन इंजीनियर थीं, फिर इन्होंने यह काम छोड़कर यूपीएससी की तैयारी करके परीक्षा दी। अपनी मेहनत का फल इन्हें मिला और UPSC में ऑल इंडिया लेवल पर 187 रैंक के साथ सफलता प्राप्त की। आपको बता दें कि स्वीटी की इस कामयाबी के लिए उन्हें बधाई देने हेतु कमिश्नर ऑफ़ पोलिस एन. श्रीवास्तव ने भी उनको फ़ोन किया था।

भाई हैं CISF में सब-इंस्पेक्टर

स्वीटी (IAS Sweety Sehrawat) के भैया हरीश CISF में सब-इंस्पेक्टर हैं। वे कहते हैं कि “पिताजी हमें IPS और IAS बनते देखना चाहते थे, लेकिन हम उनका सपना पूरा कर पाते, उससे पहले ही उन्होंने इस दुनिया से विदा ले ली। उनके जाने के बाद का टाइम हमारे परिवार के लिए बहुत कठिन था।” पिता की मृत्यु होने के एक वर्ष पश्चात स्वीटी के भाई हरीश CISF में जॉइन हुए थे।

जॉब छोड़ पढ़ाई में ध्यान दिया

बाद में घर की आर्थिक जिम्मेदारी में सहयोग के लिए स्वीटी (IAS Sweety Sehrawat) ने भी ग्रेजुएशन पूरी कर, जॉब शुरू कर दी थी। इसके साथ ही उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी भी शुरू कर दी थी, लेकिन नौकरी करने की वज़ह से वे पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे पा रही थीं। फिर कुछ समय बाद स्वीटी ने जॉब भी छोड़ दी थी। इस प्रकार से स्वीटी ने पूरा ध्यान पढ़ने में लगाया, नतीजन वे अपने पापा का सपना पूरा करते हुए IAS ऑफिसर बन गयीं।