आजकल लोग अपने जीवन में केवल सफल होना चाहते हैं वह चाहते हैं उनके पास एक अच्छी नौकरी हो और एक अच्छा जीवन साथी लेकिन कुछ लोग अपने फैशन के पीछे इतना पागल होते हैं कि वह अपने कोई भी नौकरी छोड़ने को तैयार हो जाते हैं अपने ड्रीम्स को पूरा करने के लिए कुछ ऐसा ही कारनामा कर दिखाया है निधि पाटिल ने जिन्होंने अपना सपना पूरा करने के लिए अपनी डॉक्टर की अच्छी खासी नौकरी छोड़ वापस तैयारी करना शुरू कर दी सिविल सर्विसेज की।
कुछ ऐसा ही किया निधि पटेल (IAS Nidhi Patel) ने जिन्होंने IAS बनने के लिए डॉक्टर की नौकरी छोड़ दी। इतना ही नहीं निधि ने केवल 9 महीने UPSC की तैयारी करके वर्ष 2018 में परीक्षा दी और सफल भी हुईं। इनके बारे में जिसने भी सुना कि इतने कम समय में तैयारी करके पहले ही प्रयास में सफल हो गई तो उन सभी को हैरानी हुई। इनकी स्ट्रेटजी सभी युवाओं के लिए प्रेरणादायक हो सकती है। चलिए जानते हैं इनकी कामयाबी के राज…
पेशे से डॉक्टर थीं IAS Nidhi Patel
वैसे तो निधि एक डॉक्टर थीं, परंतु उन्होंने UPSC की परीक्षा की तैयारी करने के लिए अपनी नौकरी छोड़कर पढ़ाई में मन लगा लिया। हालांकि निधि के पास समय काफ़ी कम था, लेकिन फिर भी सिर्फ़ 9 महीनों की तैयारी के बाद भी उन्हें इस परीक्षा में कामयाबी प्राप्त हुई। आपको बता दें कि वे दिल्ली के लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज में बतौर स्त्री रोग विशेषज्ञ सीनियर रेजिडेंट की पोस्ट पर काम करती थीं। हालांकि चिकित्सा क्षेत्र में उनका काम अच्छा था और आगे जाकर उनकी उन्नति होने के भी आसार थे, लेकिन फिर बाद में जब उन्होंने सिविल सर्विसेज में जाने का निश्चय किया तो उन्हें एग्जाम की तैयारी के लिए डॉक्टर की जॉब छोड़नी पड़ी।
अस्पताल छोड़ सिविल सर्विसेज में जाना चाहती थीं
निधि पटेल (IAS Nidhi Patel) का कहना है कि डॉक्टर का पेशा अच्छा ही होता है। इसमें कोई बुराई नहीं है, क्योंकि इसमें कैरियर के भी अच्छे स्कोप है और साथ ही यह सेवा भाव की नौकरी है। डॉक्टर बनकर लोगों की सेवा करने का अवसर भी मिलता रहता है। परंतु वे अस्पताल के इस माहौल से बाहर निकल कुछ अलग करना चाहती थीं। उन्हें पहले से ही सिविल सेवाओं में आने का मन था तो फिर उन्होंने बाद में यूपीएससी का एग्जाम देने का निश्चय कर ही लिया।
UPSC की तैयारी के लिए छोड़ी डॉक्टर की प्रतिष्ठित नौकरी
जब निजी अस्पताल में बतौर स्त्री रोग विशेषज्ञ नौकरी करती थी तब इस जॉब को करते हुए वह UPSC की परीक्षा की तैयारी नहीं कर पा रही थी, क्योंकि पूर्व में भी उन्होंने यह परीक्षा दी थी और उसमें सही से तैयारी ना हो पाने की वज़ह से वह कामयाब नहीं हो पाई थी लेकिन इस बार उन्होंने सोच लिया था कि कुछ भी करके उन्हें सफल होना ही है।
जब उन्हें लगा कि यह जॉब करते हुए वे तैयारी नहीं कर पाएंगी, तो फिर उन्होंने डॉक्टर की यह प्रतिष्ठित नौकरी छोड़ने का निश्चय किया। हालांकि डॉक्टर की अच्छी खासी नौकरी छोड़ने का यह निश्चय उनके लिए भी सरल नहीं था। उनके परिवार वालों और दोस्तों, रिश्तेदारों ने भी उनसे कहा कि ऐसा करने से पहले एक बार अच्छी तरह सोच लें, पर निधि अपने निश्चय पर अडिग थीं, उन्होंने पक्का इरादा कर लिया था कि अब वे डॉक्टर की जॉब छोड़ कर ठीक तरह से यूपीएससी की तैयारी करेंगी और यह परीक्षा देंगी।