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बचपन में एक वक्त का खाना भी बड़ी मुश्किल से मिलता था गरीब किसान की बेटी को, आज बनी पुलिस अफसर

ऐसी बहुत सी कहानियां होती हैं जिसमें जिंदगी से जुड़े हुए कुछ ऐसे पहलू होते हैं जिसे सच मान पाना बेहद मुश्किल होता है हम केवल उसे पढ़े और छू नहीं सकते हैं लेकिन उसको यकीन करना बहुत ही ज्यादा मुश्किल भरा हो जाता है आज हम आपको ऐसे ही कहानी सुनाने वाले हैं एक युवती की जिनका नाम है तेजल आहेर जिन्होंने बचपन में इतनी गरीबी देखी है क्यों है एक तो क्या खाना मिलना भी बेहद मुश्किल था उन्हें भूखे पेट पूरी रात गुजारनी पड़ती थी लेकिन उन्होंने सभी कठिनाइयों को दरकिनार कर उन्हें कभी भी अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया और अपने सपने की ओर पूरी प्रयासों के साथ अग्रसर रहें और अपनी मेहनत के दम पर आज बड़ी पुलिस अफसर बन गई हैं और अपने माता-पिता का नाम ऊंचा कर दिया है। उन्होंने अपने दिए गए इंटरव्यू में अपने जीवन से जुड़े कुछ ऐसे तथय का जिक्र किया है जिसके बारे में आप कभी सोच भी नहीं सकते हो।

तेजल आहेर के जीवन से जुड़ी कहानी

महाराष्ट्र के नासिक जिले में एक छोटे से गरीब परिवार के बीच में हुआ था जन्म तेजल का बचपन से ही तेजल ने अपने जीवन में आर्थिक परिस्थितियों का काफी दबाव देखा है और उनके बीच में पली-बढ़ी हैं घर में माता पिता दिन रात काम करने के बाद दो वक्त की रोटी बड़ी मुश्किल से कट्ठा कर पाते थे तेजल के गांव में कभी तो खूब बारिश हुआ करती थी जिससे फसलों को काफी नुकसान हो जाता था तो कभी ऐसा सूखा पड़ता है जिसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता इसी कारण उन्हें अपने जीवन में अनेकों उतार-चढ़ाव देखने को मिले और अपने पूरे जीवन में अनेकों कठिनाइयों का सामना करना पड़ा जिसके कारण उनके गांव के कई गरीब किसानों ने तो आत्महत्या तक कर ली थी बचपन से ही तेजल को पढ़ने लिखने का काफी शौक था और वह घर की आर्थिक स्थिति खराब होने के बावजूद भी स्कूल नहीं छोड़ा और उनके माता-पिता ने उनकी जीत पूरी करते हैं उन्हें उनकी शिक्षा पूरी कराई उन्होंने घर के काम करने के साथ-साथ अपने शिक्षा को भी बराबर का दर्जा दिया और स्कूल में अन्य बच्चों के अपेक्षा वह पढ़ने में हमेशा से ही अच्छी थी।

महाराष्ट्र लोकसेवा आयोग की परीक्षा की तैयारी उन्होंने बिना किसी कोचिंग जाए करी और पूरी तरीके से सेल्फ स्टडी कर उसमें सफलता हासिल करें आर्थिक स्थिति मजबूत ना होने के कारण वहां कभी कोचिंग ना जा सके अपने जीवन में।

भूखे पेट सोना पड़ता था कभी-कभी लेकिन पढ़ाई फिर भी नहीं छोड़ी थी

तेजल अपने जीवन में सफल होना चाहती थी और अपने माता-पिता को गौरवान्वित महसूस कर आना चाहती थी इसीलिए उन्होंने घर की बिगड़ती भी स्थितियों का भी रुकावट नहीं समझा और हमेशा जीवन में आगे बढ़ती रहे और कभी भी अपने जीवन में खुद को किसी से कम नहीं समझा उन्हें कभी कभी रात में घर में अनाज ना होने के कारण भूखे पेट सोना पड़ता था लेकिन उन्होंने कभी अपने पढ़ाई पर इसका प्रभाव नहीं आने दिया और वह हर रोज नित्य नियम के साथ पढ़ाई करा करती थी उनकी मेहनत और कड़ी लगन का और उन्हें अपने जीवन में मिल चुका है और उनका पूरा परिवार उनके ऊपर गर्व महसूस करता है तेजल ने अपने द्वारा दिए गए इंटरव्यू में बताया कि वह सुबह 6:00 बजे से रात 10:00 बजे तक पढ़ाई किया करती थी इसके अलावा वाह अपने जीवन में पढ़ाई के लिए कुछ दिन अपने घर से बाहर भी रही थी ताकि वह पूरी तरीके से अपना ध्यान केंद्रित कर सके पढ़ाई में तेजल का मानना है कि जीवन में पढ़ाई बेहद ही अहम पहलू है।

पुलिस ऑफिसर बनी परीक्षा में सफलता पाकर

तेजल ने दिन-रात घर में पढ़ाई कर और बिना कहीं कोचिंग जाए केवल अपने घर वालों के सहयोग के साथ सन 2017 में एक पुलिस अधिकारी का पद हासिल करें और अपने जीवन के मुकाम को सच कर दिखाया तेजल का प्रशिक्षण 7 जनवरी 2020 को नासिक में शुरू हुआ था और उसी साल 7 अप्रैल 2021 को मुंबई में उनकी बहाली भी हो गई थी इतनी ज्यादा गरीबी भरी जीवन से इस सफलता तक की सीडी तक किसी लड़की का पहुंचना कोई चमत्कार से कम नहीं है और उनकी आ कहानी बहुत ही ज्यादा रोमांचक और लोगों को प्रेरणा देने वाली है आज के समय तेजल महाराष्ट्र में पुलिस उप निरीक्षक हैं आज वह अपने जीवन में लाखों गरीब छात्रों के लिए प्रेरणास्रोत बन कर आ गए हैं जो किसी कारण से खुद को दूसरों से कम आते हैं और अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रयास नहीं करते हैं तेजल ने बताया कि पुलिस अधिकारी बन उन्होंने अपनी मां का सपना पूरा करा और अपनी मां की चाहतों को सच कर दिखाया।