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अनोखी पहल: कोरोना गाइडलाइन का पालन ना करने पर दे रहे हैं 5 फलदार पौधे हर गांव को

कोरोना का जैसी महामारी के समय में लोगों को इसका एहसास दिलाने के लिए आपने कई अनोखी पहल को तो देखा ही होगा आज उन्हीं में से सबसे चर्चा में रहने वाली पहल के बारे में आज हम आपको बताने वाले हैं। एक ऐसी पहल की शुरुआत की गई है जिससे कि लोगों को सबक मिलेगा और पर्यावरण को भी नया जीवन मिलेगा इस कोरोनावायरस की महामारी में लोगों को जागरूक करना प्रशासन के लिए सबसे बड़ी परेशानी बन कर उभरा है लोगों के मन में कोरोनावायरस कई तरह के भरम मन में वास कर गए हैं इसे मिटा पाना प्रशासन के लिए असंभव साबित हो रहा है।

ग्राम पंचायत चौकी में अगर कोई भी ग्रामीण घर के बाहर बिना मास्क के निकलता है, तो उसे सजा के तौर पर एक मास्क और पांच फलदार पौधे दिए जाते हैं। सजा पाने वाले ग्रामीणों को यह पौधे अपने घर पर या खेत पर लगाने होते हैं। एक साल तक उसकी सेवा करनी पड़ती है। अनोखी सजा की निगरानी के लिए एक समिति भी बनाई गई है, जो मास्क न पहनने वालों पर नजर रखती है। इसके अलावा सजायाफ्ता ग्रामीणों द्वारा पौधे लगाए गए हैं कि नहीं उसकी भी निगरानी करती है।

जिला मुख्यालय सागर से करीब 35 किमी दूर यह पंचायत सागर भोपाल मार्ग पर स्थित है। यहां के ग्रामीणों को जब पता चला कि कोरोना अब शहर की सीमाएं पार करते हुए गांव में प्रवेश कर गया है और तेजी से संक्रमण फैल रहा है। ग्रामीण इलाकों में इलाज की पर्याप्त सुविधा न होने के कारण कोरोना से बचाव के लिए जरूरी है कि कोविड-19 गाइडलाइन का सख्ती से पालन कराया जाए । ऐसी स्थिति में ग्रामीणों ने फैसला लिया कि अनावश्यक घूमने वाले, मास्क न लगाने वाले लोगों के अलावा अगर लोग ज्यादा संख्या में एक जगह इकट्ठे होते हैं, तो उन्हें सजा दी जाएगी। सजा के तौर पर तय किया गया कि ग्रामीणों को पांच पौधे दिए जाएंगे, जिन्हें उन्हें अपने खेत या घर में लगाना होगा और एक साल तक उनकी परवरिश भी करनी पड़ेगी।

ग्राम पंचायत द्वारा कोविड-19 गाइडलाइन का उल्लंघन करने पर अनोखी सजा के फैसले की क्रियान्वयन के लिए एक निगरानी समिति का गठन किया गया है। इस निगरानी समिति में गांव के बुजुर्ग लोगों के साथ साथ पढ़े-लिखे युवाओं को सदस्य बनाया गया है। इस निगरानी समिति की जिम्मेदारी है कि वह ग्राम पंचायत में कोविड-19 गाइडलाइन का पालन कराए. गांव में घूमने वाले लोगों पर नजर रखें कि वह मास्क लगाए हैं कि नहीं। इसके अलावा गांव के लोगों को ज्यादा संख्या में एक जगह इकट्ठा न होने देने की जिम्मेदारी भी निगरानी समिति की है। निगरानी समिति के सदस्य ग्राम पंचायत में अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभा रहे हैं। ग्राम पंचायत ने सजा के लिए 400 पेड़ खरीदे हैं, और अब तक पांच लोगों को ऐसी सजा दी भी जा चुकी है।

जुर्माने के तौर पर पांच पौधे देने का दंड

इसी तरह सागर ज़िला पंचायत सीईओ डॉ. इच्छित गढ़पाले ने भी कोरोना गाइडलाइंस का पालन न करने पर जुर्माने के रूप में पंचायत में पांच पौधे जमा करने और स्वस्थ होने वालों से 2 पौधे लगवाने का शपथ पत्र भरवाने का कार्य शुरू कराया है। उन्होंने लोगों को शारीरिक दंड या आर्थिक दंड देने के बजाय पौधे लगवाने की दंड की परिकल्पना को कार्य रूप दे दिया।

उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देशित कर दिया कि गाइडलाइंस का पालन न करने वालों से पाँच-पाँच पौधे लगवाए जाएं। डॉक्टर इच्छित गढ़पाले का मानना है कि कोरोना काल में ऑक्सीजन का महत्व सबको पता चल गया है, इसलिए मेरा प्रयास है कि ज़्यादा से ज़्यादा पौधे लगाए जाएं ताकि ऑक्सीजन की कमी को कुछ हद तक पूरा किया जा सके। इस काम में जन सहयोग तो लिया ही जा रहा है साथ में ऐसे लोगों को दंड के स्वरूप भी पौधे लगवाने का काम कराया जा रहा है।