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कोडिंग का था ऐसा पागलपन ,दो भाई बने युवा अवस्था में करोड़पति

इंसान का अगर अपने इंटरस्ट के अनुसार काम करने को कहे तो वह उस काम को बखूभी करता है , और उसे इस काम में सफलता भी हासिल होती है। फिर काम – काम नहीं जूनून बन जाता है और सर पर जब किसी अच्छे काम को करने का जूनून सवार हो जाता है सफलता अवश्य मिलती है।
हमारी आज की कहानी ऐसे ही दो भाइयों की है,जिन्हें पढ़ाई से ज्यादा दिलचस्पी कोडिंग करने में थी और उनके इसी दिलचस्पी ने उन्हें आज भारत के सबसे अमीर लोगों की सूची में शामिल कर दिया। चार्टर्ड प्लेन,दुनिया की सबसे महंगी गाड़ियां और करोड़ों के आलीशान बंगलों के मालिक ये दोनों भाई भारतीय ‘एडटेक’जगत में के सबसे बड़े हस्ती के रूप में जाने जाते हैं।

मुंबई के एक मध्यमवर्गीय परिवार में जन्म लेने वाले दिव्यांक तुराखिया ( Divyank Turakhia ) और भाविन तुराखिया ( Bhavin Turakhia ) को बचपन से ही कंप्यूटर और प्रोग्रामिंग में काफी रूचि थी और मात्र 13 वर्ष की उम्र में दिव्यांक ने अपने भाई भाविन के साथ मिलकर स्टॉक मार्केट की कीमतों पर नजर रखने के लिए ‘स्टॉक मार्केट सिमुलेशन गेम’ बना दिया। उनकी रूचि कंप्यूटर के प्रति दिन प्रति दिन बढ़ती जा रही थी और वह पढ़ाई से दूर होने लगे।पिता के दबाव के कारण उन्होंने बीकॉम में नामांकन ले तो लिया था पर कभी कॉलेज नहीं गए।

दोनों भाइयों की पकड़ कोडिंग पर काफी मजबूत होती गई और अब उन्होंने इसी क्षेत्र में कारोबार करने का सोचा।इसके लिए उनके पास पूंजी नहीं थी और वे अपने पिता को मनाने लगे। उनके पिता ने 1998 में ₹25000 कर्ज के रूप में दिया और मात्र 16 वर्ष और 18 वर्ष की उम्र में उन्होंने वेबसाइट के डोमेन नाम देने वाली कंपनी ‘Directory‘की स्थापना की। बाद में इसी कंपनी के अंतर्गत ‘Bigrock‘ कंपनी आई जो फिलहाल डोमेन रजिस्टर्ड कंपनी के क्षेत्र में अग्रणी है।

दोनों भाई डायरेक्टरी के अंदर अब तक 11 स्टार्टअप्स शुरू कर चुके हैं और मौजूदा समय में डायरेक्टी ग्रुप के लगभग 1000 कर्मचारी 1000000 क्लाइंट्स के लिए काम कर रहे हैं। अभी कंपनी की ग्रोथ सालाना 120 फ़ीसदी है। उनके द्वारा बनाया गया ‘Media net‘ प्रोडक्ट का लाइसेंस कई पब्लिशर्स, ऐड नेटवर्क और इंटरनेशनल ऐडटेक कंपनियों के पास है, जो न्यूयॉर्क लॉस एंजिल्स, दुबई, ज्यूरिक, मुंबई और बेंगलुरु तक विस्तृत है। इसके अंतर्गत 800 कर्मचारी हैं।इस प्रोडक्ट की पिछले साल की कमाई 1554 करोड़ रुपए की थी।

कुछ समय पहले उन्होंने ‘Media net‘ को एक चायनीज समूह के हाथों 90 करोड़ डॉलर में बेच दिया और इस मामले में उन्होंने गूगल और ट्विटर को भी पछाड़ दिया है।

काफी कम उम्र में और बिना किसी विधिवत डिग्री के दिव्यांक तुराखिया ( Divyank Turakhia ) और भाविन तुराखिया ( Bhavin Turakhia ) ने कोडिंग के आधार पर जो महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है उससे यह साबित होता है कि अगर आपको आपके रूचि के अनुसार कैरियर बनाने की आजादी मिल जाए तो आपकी सफलता निश्चित है। आज तुरखिया बंधु फर्स्ट इंडियन इंटरनेट एंटरप्रेन्योर के रूप में अपनी पहचान बना चुके हैं और युवाओं के लिए आदर्श साबित हो रहे हैं।