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चाय बेचने वाले की होनहार लड़की ने कमाल कर दिखाया, बनीं लड़ाकू विमान की पायलट

सपने देखना और उन्हें हक़ीक़त में बदलना इन दोनों ही बातों के बीच बहुत दूरी होती है, एक लंबा सफ़र होता है जो मुश्किलों से जूझते हुए तय करना होता है। परिस्थितियाँ चाहे कैसी भी क्यों ना हों लेकिन जिन्हें जीतना होता है वे जीत कर रहते हैं। आज हम बात करने जा रहे हैं मध्यप्रदेश के एक छोटे शहर नीमच में रहने वाली आंचल गंगवाल की, जिनके पिताजी शहर में चाय की दुकान लगाते हैं। 26 वर्षीय आंचल गंगवाल ने इस छोटे शहर से अपने सपनों की एक लंबी उड़ान भरी और वायुसेना में फ्लाइंग ऑफिसर बनकर सभी को आश्चर्य में डाल दिया।

पिता ने लोगों से उधार लेकर फीस भरी

आंचल के पिताजी का नाम सुरेश गंगवाल है और वे नीमच में बस स्टैंड पर 25 वर्षों से चाय की एक छोटी-सी दुकान लगाते हैं। इनकी आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं थी कि अपनी बेटी की कॉलेज की फीस भर पाते, फिर उन्होंने लोगों से पैसे उधार लेकर उसकी फीस भरी। आंचल ने भी अपने पिता कि उम्मीदों को पूरा किया और सन् 2018 में एयर फोर्स की प्रवेश परीक्षा में सफलता प्राप्त की। फिर जून 2018 में वे लड़ाकू विमान के फ्लाइंग ऑफिसर की ट्रेनिंग प्राप्त करने के लिए हैदराबाद चली गईं। इनके पिताजी ने हर हालात में बेटी का साथ निभाया और हौसला अफजाई की।

एक ऐसी घटना हुई, जिसने दिखाया वायुसेना में जाने का सपना

आंचल जब कक्षा 12 में पढ़ाई कर रहीं थीं, उस समय उत्तराखंड के केदारनाथ में भयंकर बाढ़ आई थी। वहाँ पर लोगों की सहायता के लिए वायुसेना के कर्मचारी आए थे और ख़ूब बहादुरी के साथ सबको बचाने में जुटे हुए थे। इस पूरी घटना का प्रसारण वे टीवी पर बहुत दिलचस्पी के साथ देखती थीं और बस तभी से उन्होंने वायुसेना में जाने का मन बना लिया था। फिर आंचल ने इसकी परीक्षा कि तैयारी के लिए किताबों का इंतज़ाम करके तैयारी शुरू कर दी।

एक एक स्टेप करके कामयाबी की सीढ़ियाँ चढ़ती गईं

सबसे पहले अप्रैल 2017 में उनका सलेक्शन पुलिस विभाग में उप-निरीक्षक के तौर पर हुआ। फिर अगस्त 2017 में श्रम निरीक्षक के पद के लिए सलेक्ट हुईं। उसके पश्चात् एयर फोर्स की प्रवेश परीक्षा में भी MP से अकेली सलेक्ट होकर 30 जून 2018 को लड़ाकू विमान के फ्लाइंग ऑफिसर की ट्रेनिंग लेने हैदराबाद चली गईं।

पिता कि उम्मीदों पर खरी उतरीं, बनीं IAF में फ्लाइंग ऑफिसर

आंचल की पिताजी ने उनके सपनों को साकार करने के लिए कई परेशानियाँ उठाई, लेकिन उनकी इस होनहार बेटी ने भी भारत की फ्लाइंग ऑफिसर बनकर पिता को फादर्स डे का अमूल्य तोहफा दिया। इनके परिवारवाले डंडीगल एएफए में होने वाली पासिंग आउट परेड में जा नहीं सके लेकिन टीवी पर प्रसारित हुआ कार्यक्रम देखकर बहुत गर्वित महसूस किया। आंचल के पिताजी ने अपने तीनों बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी। इनके बड़े भाई को इंजीनियर बनाया और इनकी छोटी बहन बी कॉम की पढ़ाई कर रही है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी ट्वीट करके दी बधाई

MP के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान जी ने आंचल गंगवाल की सफलता पर सोशल मीडिया के जरिए बधाई दी और उनकी तारीफ की। उन्होंने ट्वीट किया कि नीमच में चाय की दुकान लगाने वाले सुरेश गंगवाल जी की सुपुत्री आंचल अब वायुसेना में फाइटर प्लेन उड़ाएगी। आंचल ने मध्यप्रदेश का गौरव बढ़ाया है और अब वे देश के गौरव और सम्मान की रक्षा के लिए आकाश की ऊंचाइयाँ छुएंगी। देश की इस होनहार बेटी और उनके परिवार को उन्होंने बधाई दी और अपनी शुभकामनाएँ तथा आशीष देकर हौसला बढ़ाया।

2 नौकरियाँ छोड़ी और ट्रेनिंग के दौरान वज़न कंट्रोल करने के लिए 3 दिन भूखी प्यासी रहीं

आंचल शुरू से ही एयर फोर्स में जाना चाहती थीं इसलिए मध्यप्रदेश में उन्होंने कुछ समय बाद पुलिस सब इंस्पेक्टर की नौकरी भी छोड़ी और फिर उन्हें जब लेबर इंसपेक्टर के तौर पर चुना गया तब कुछ समय ये नौकरी कर के फिर वहाँ से भी त्यागपत्र दे दिया।

इनके फिजिकल ट्रेनर किशन पाल के अनुसार वे बहुत ही मेहनती हैं। जब इनका प्रैक्टिस पीरियड चल रहा था उस दौरान आंचल ने उनसे कहा कि मेरे पास सिर्फ़ 24 दिन हैं, इस बीच मुझे 9 किलो वज़न घटाना है। वज़न घटाने करने के लिए आंचल पूरे 3 दिन तक भूखी और प्यासी रहीं थीं। उन्होंने हर समस्या का सामना किया और कामयाबी अर्जित की।