Home / समाज / बेहद गरीबी में बीता था बचपन ,सर पर थी पांच बहनों की जिम्मेदारी, लेकिन उसके बावजूद भी हुआ वायु सेना में चयन….

बेहद गरीबी में बीता था बचपन ,सर पर थी पांच बहनों की जिम्मेदारी, लेकिन उसके बावजूद भी हुआ वायु सेना में चयन….

सपना तो हर कोई देखता है लेकिन उसका पूरा होना है ना उसकी मेहनत और उसे किस्मत पर निर्भर होता है। वैसे ही कहानी सामने आई है राजस्थान से जहां पर जोधपुर जिले के युवक ने एक ऊंची उड़ान भरी है। उसके सिर पर पांच बहनों की जिम्मेदारी भी थी। वह जोधपुर से लगभग 90 किलोमीटर दूर हरलाया गांव की झोपड़ी में रहने वाला युवक है। और आज वह एक वायुसेना अधिकारी निकला है। कामयाबी की उड़ान के लिए उसको सलाम। यह सब नतीजा उसकी कड़ी मेहनत है। वायुसेना में चयन के बाद निम्बाराम ने बताया की, “पिता की मौ’त हो जाने पर इन्हे नौवीं कक्षा के बाद पढ़ाई छोड़ने की नौबत आ गई थी। लेकिन मां ने हिम्मत दिखते हुए अपने बेटे का हौसला बढ़ाया और नतीजा यह है कि निम्बाराम का भारतीय वायुसेना में चयन हो गया है, निम्बाराम फिलहाल कर्नाटक के बेलगाम के सांबरा स्थित ट्रेनिंग स्कूल में प्रशिक्षण ले रहे हैं।

निम्बाराम कड़वासरा ने यह भी बताया कि भारतीय वायुसेना सेना के सितम्बर 2019 के बैच में 2620 में से 902वीं रैंक पर एयरफोर्स ग्रुप एक्स (तकनीकी) पद पर चयन हुआ है। गांव हरलाया से 4 जुलाई 2020 को निम्बाराम कड़वासरा सांबरा स्थित एयरमैन ट्रेनिंग स्कूल के लिए रवाना हुए बेलगाम में दिसम्बर 2020 तक बेसिक ट्रेनिंग होगी। फिर चेन्नई में ट्रेड ट्रेनिंग होगी। इसके बाद पोस्टिंग दी जाएगी।

गौरतलब है की गांव हरलाया के रूपाराम व कोजी देवी के घर में साल 2001 में निम्बाराम का जन्म हुआ था, पांच बहनों के इकलौते भाई की चार बड़ी बहन शोभा, कमला, धापू, प्रमिला की शादी हो चुकी है। छोटी बहन रोशनी व निम्बाराम की अभी शादी नहीं हुई है। निम्बाराम कर्नाटका में ट्रेनिंग के लिए रवाना हुआ तो बहन ने तिलक लगाकर व राखी बांधकर रवाना किया।

इस दौरान निम्बाराम की कामयाबी पर सबकी आंखें नम हो गई, निम्बाराम के घर पर दो छोटे से कमरे और झोपड़ी है। निम्बाराम का बचपन झोपड़ी में ही बिता लेकिन उन्होंने इसे अपनी कमजोरी कभी भी नहीं बनायीं बल्कि और भी ज्यादा कड़ी म्हणत करके इस मुकाम हासिल किया है..

इनके काबिलियत का नडजा आप इनके दसवीं और बारवीं के अंको से लगा सकते है, जी हाँ, निम्बाराम ने दसवीं बोर्ड में 86 प्रतिशत और 12वीं बोर्ड में 90 प्रतिशत अंक हासिल किए थे, इसके बाद आईआईटी करने के लिए सीकर के एक कोचिंग में दाखिला लिया। इसी दौरान डिफेंस सर्विसेज की तैयारी करने लगा। इंडियन एयरफोर्स का फार्म भरा और कड़ी मेहनत की। 2019 में एयरफोर्स में चयन हो गया। आज के समय में इनके गांव से लेकर पूरा भारत इनकी कामयाबी से खुश है और काफी तारीफ भी कर रहे है।