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16 साल की उम्र में पास किया AIIMS परीक्षा, दुबरा 22 साल में बने IAS, फिर नौकरी छोड़कर अब गरीब बच्चो को पढ़ाते हैं डॉ. रोमन सैनी

दोस्तों, प्रतिभा कभी उम्र की मोहताज नहीं होती है, कई लोग ऐसे हैं जिन्होंने छोटी उम्र में ही बड़ी-बड़ी कामयाबी की बुलंदियों को छुआ। ऐसे ही एक व्यक्ति हैं डॉ. रोमन सैनी जो कम उम्र से ही प्रतिभावान थे और जिन उपलब्धियों को पाने में लोगों की आधी से ज़्यादा ज़िन्दगी बीत जाती है, उन्हें उन्होंने अपनी मेहनत के बलबूते पर छोटी आयु में ही पा लिया।

रोमन सैनी राजस्थान स्थित कोटपुतली तहसील के एक छोटे से गाँव रायकरनपुर से हैं। उनकी माताजी एक हाउसवाइफ हैं तथा इनके पिताजी इंजीनियर हैं। वे एक पढ़े लिखे परिवार से सम्बन्ध रखते हैं, इसलिए इनके घर में बचपन से ही पढ़ाई का माहौल बना हुआ था।

केवल 16 साल की उम्र में पास कर गए AIIMS की परीक्षा

रोमन सैनी की जब छोटे थे तभी से उनकी पढ़ाई में बहुत रुचि थी। राजस्थान राज्य से इन्होंने अपनी पढ़ाई की। इन्होंने अपनी मेहनत के दम पर मात्र 16 साल की आयु में ही AIIMS की परीक्षा उत्तीर्ण कर ली थी, जिसे पास करने में लोग अपनी आधी ज़िन्दगी निकाल देते हैं।

जब ये 18 वर्ष के थे, तब इन्होंने एक बड़े और नामी मेडिकल जर्नल में अपने रिसर्च पेपर का भी प्रकाशन करवाया। इसके अलावा, जब इनकी MBBS की पढ़ाई ख़त्म हुई तब इन्होंने मनोचिकित्सा में NDDTC में एक जूनियर रेजिडेंट के तौर पर कार्य किया, फिर ये डॉक्टर बन गए। वाकई ये एक बड़ी उपलब्धि थी, लेकिन रोमन अभी कहाँ रुकने वाले थे, उन्हें तो और ऊंची बुलंदियों को छूना था।

देश की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए किया सिविल सेवा में जाने का फैसला

जब ये वर्ष 2011 में मेडिकल कैंप में गए तो इन्होंने वहाँ पर जाकर ग़रीबी को करीब से महसूस किया। इन्होंने जाना कि गरीब लोगों के जीवन में कितनी परेशानियाँ होती हैं। उनके अनुसार ग़रीबी का मूल कारण शिक्षा का अभाव है अतः सभी को शिक्षित करके ग़रीबी का काफ़ी हद तक निवारण संभव है।

उन्होंने यह भी देखा कि लोगों में स्वच्छता, सेहत और पानी की परेशानियाँ थी और वे इसके लिए जागरूक भी नहीं थे। एक डॉक्टर की तरह वे इन समस्याओं का निराकरण नहीं कर सकते थे, इसलिए इन्होंने निश्चय किया कि वे देश की इन परिस्थितियों को बेहतर बनाने के लिए प्रशासनिक सेवा में जाएंगे।

18 वीं रैंक से पास की UPSC की परीक्षा

इन्होंने डॉक्टरी के साथ ही UPSC की परीक्षा कि तैयारी भी शुरू कर दी। सिर्फ़ छह महीनों के बाद 2013 में इन्होंने परीक्षा दी और पहली ही बार में उन्हें सफलता मिली। रोमन 18 वीं रैंक से UPSC की परीक्षा उत्तीर्ण की और सिर्फ़ 22 वर्ष की उम्र में ही IAS बने। इन्हें बतौर कलेक्टर मध्यप्रदेश में नियुक्त किया गया।

गरीब बच्चों को पढ़ाने के लिए छोड़ दी IAS की नौकरी

रोमन सैनी को जो कामयाबी मिली वह पाने के लिए कई लोग तरसते हैं लेकिन उनका मन अब भी संतुष्ट नहीं था। वे जानते थे कि कई लोग ऐसे हैं जिन्हें पैसों की कमी और उचित मार्गदर्शन ना होने की वज़ह से अच्छी शिक्षा नहीं मिल पाती है और उनके लिए कुछ करना चाहते थे। फिर इन्होंने दो साल बाद अपनी नौकरी से त्यागपत्र दे दिया और इन्होंने अपने दोस्त के साथ मिलकर एक यूट्यूब चैनल ‘Unacademy‘ की शुरु किया। जिसके द्वारा वे बच्चों को मुफ्त आईएएस ऑनलाइन कोचिंग दिया करते हैं।

उनके इस चैनल को बहुत से लोगों ने सब्सक्राइब किया और इससे यूपीएससी के प्रतियोगियों की पढ़ाई में सहायता हुई। उनके इस चैनल पर हर एक वीडियो को लाखों में लाइक मिलते हैं। इसके द्वारा रोमन अपने स्टूडेंट्स के सवालों के जवाब भी देते हैं और उनकी शंकाओं को दूर करते हैं। वे उनसे कहते हैं कि हर किसी परीक्षा में सिर्फ़ आपकी क़िस्मत से ही नहीं बल्कि आपकी मेहनत और लगन से सफलता मिलती है।

आजकल सभी लोग पैसा और पद हासिल करने के बारे में सोचते हैं, जबकि रोमन सैनी ने ये दोनों ही चीजें छोड़कर लोककल्याण के बारे में सोचा, निश्चित ही ऐसे नेकदिल इंसान काफ़ी कम होते हैं।