दिल्ली सरकार ने शहर के ग्रीन कवर को बढ़ाने और हवा की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए योजना तैयार की है. दिल्ली सरकार की ओर से राजधानी में करीब 10 लाख पौधे लगाने का फैसला किया है. डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने हाल ही में हुए व्यय वित्त समिति (EFC) की बैठक में 140.74 करोड़ रुपए लागत की इस परियोजना को मंजूरी दे दी है. इस परियोजना के अंतर्गत केजरीवाल सरकार अगले मानसून से पहले 10 लाख पौधे लगाएगी. पिछले कुछ सालों में दिल्ली का ग्रीन कवर बढ़ा है और 10 लाख पौधे लगाने के बाद यह हरित क्षेत्र दिल्ली के लिए नए ‘ग्रीन लंग्स’ की तरह काम करेगा. उन्होंने कहा कि यह एक निवेश की तरह है जो हमारे नागरिकों को बेहतर वातावरण के साथ बेहतर स्वास्थ्य प्रदान करेगा. बताते चलें कि दिल्ली का हरित क्षेत्र 2015 में 299.77 वर्ग किमी से बढ़कर 2021 में 342 वर्ग किमी हो गया है.
क्या बोले सिसोदिया।
सिसोदिया ने कहा कि इस परियोजना के एक हिस्से के रूप में दक्षिणी रिज क्षेत्र के असोला भाटी वन्यजीव अभयारण्य, डेरा, मंडी, घिटोरनी, मैदानगढ़ी, रंगपुरी, तुगलकाबाद, पुल पहलादपुर और रजोकरी में स्थित वन क्षेत्र का बड़ा हिस्सा कम सघन है. यहां वन क्षेत्र को सघन करने के लिए लाखों की संख्या में पेड़ लगाए जाएंगे व अन्य प्रजाति के पौधों को नुकसान पहुँचाने वाली प्रजातियों के पेड़-पौधों को हटाने का काम भी किया जाएगा. साथ ही यहां मिट्टी की नमी के संरक्षण सबंधी उपायों को अपनाते हुए पर्यावरणको बहाल करने का काम किया जाएगा
क्या है केजरीवाल सरकार का ‘इको टास्क फोर्स’।
केजरीवाल सरकार का इको टास्क फोर्स वृक्षारोपण को बनाए रखने, वन क्षेत्रों को अतिक्रमण के खतरे से बचाने, क्षेत्र में वन्य जीवन के खतरे को कम करने के लिए वन विभाग की मदद करने का काम करते है. दिल्ली सरकार ने अब इको टास्क फोर्स के कार्यकाल को और पांच साल के लिए मंजूरी दे दी है. इको टास्क फोर्स में टेरिटोरियल आर्मी के भूतपूर्व सैनिक व अफसरों को शामिल किया गया है. टास्क फोर्स 10 लाख पौधा-रोपण की पूरी प्रक्रिया और पांच साल तक इसके रख-रखाव को मैनेज करने का काम करेगा.