राजधानी दिल्ली देश का केंद्र होने के साथ साथ प्रदूषण का केंद्र भी बन चुकी है। प्रदूषण के मामले में दिल्ली की स्तिथि वाकई सोचने लायक है। बढ़ते प्रदूषण के कारण दिल्ली में खुली हवा में सास लेना भी मुश्किल है हालांकि सरकार प्रदूषण कम करने का हर संभव प्रयास कर रही है। जिसमे में से एक प्रयास है दिल्ली में ई बसें लाने का। प्रदूषण के मामले में दिल्ली की स्तिथि वाकई सोचने लायक है।
जाने इन स्पेशल बसों के बारे में
महिलाओं के लिए गुलाबी सीट, जीपीएस, सीसीटीवी कैमरे और पैनिक बटन सहित सुरक्षा के लिहाज से कंट्रोल सेंटर से कनेक्टिविटी, दिल्ली में अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त बसों की संख्या में बढ़ोतरी का सिलसिला जारी है। पहली बार दिल्ली के सार्वजनिक बसों के बेड़े ने 7000 के आंकड़े को पार किया है। परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने सोमवार को इंद्रप्रस्थ डिपो से 100 नई लो-फ्लोर एसी सीएनजी बसों के साथ एक नई इलेक्ट्रिक बस(प्रोटोटाइप) को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया। अब दिल्ली के परिवहन बेड़े (बस) में बसों की संख्या बढ़कर 7001 हो गई है। इससे पहले 2010 में राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान दिल्ली में 6000 बसों का आंकड़ा पार किया था। क्लस्टर की नई सीएनजी बसें घुमनहेड़ा डिपो से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन, आनंद विहार आईएसबीटी सहित दूसरे गंतव्यों के लिए आवागमन करेंगी।
लोगो की ऊम्मीद — ई बसें
इस बार दिल्ली प्रदूषण में लोग भारी कमी देखने की आशा कर रहे है।ऐसा इसलिए है क्युकी राजधानी के 7000 नई सीएनजी बसे उतरी गई है। दिल्ली के परिवहन मंत्री ने शहर को 100 लो-फ्लोर वातानुकूलित सीएनजी बसों का तोहफा दिया है।
जनवरी 2022 में ही दिल्ली सरकार ने अपने परिवहन बेड़े में 200 से अधिक नई बसें शामिल की थीं। इनमें 2 नई इलेक्ट्रिक बसें शामिल हैं जो उत्सर्जन और प्रदूषण मुक्त हैं। सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने के लिए दिल्ली सरकार बड़े पैमाने पर सीएनजी और इलेक्ट्रिक बसें बेड़े में शामिल करेगी। सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करने के लिए सभी बसों में रीयल टाइम ट्रैकिंग, सीसीटीवी, पैनिक बटन और दिव्यांग अनुकूल रैंप सहित दूसरी सुविधाएं भी हैं। इसके अलावा 500 अतिरिक्त सीएनजी और इलेक्ट्रिक बसें भी बेड़े में शामिल की जाएंगी। पिछले महीने दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) बोर्ड ने भी फेम-2 के जरिये 1500 नई ई-बसों की खरीद को मंजूरी दे दी है।
Driver job
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