अगर जीवन में कभी भी रत्न धारण करें तो ध्यान रखें इन सभी चीजों का

अभी भी आपके जीवन में कुछ भी खराब मनुष्य की बनी होती है। तो कुछ ज्योति साहब को यह सलाह देते हैं। कि आप अपने राष्ट्रीय तथा समय के मुताबिक रत्न धारण कर सकते हैं लेकिन इन सबसे अहम रत्न हीरा मणिका पुखराज नीलम एवं पन्ना हैं।  मंगल का रत्न मूंगा कोरल रीफ से बनता है। जैविक होता है। चंद्रमा के लिए पहने जाने वाला मोती समुद्र में पाए जाने वाले सीपों में होता है। इसका निर्माण सीप की जैव संरचना की वजह से होता होता है। मूंगा और मोती आंशिक दोष होने पर भी ये स्वीकार्य होते हैं।

हीरा, माणिक, पुखराज, नीलम तथा पन्ना पृथ्वी पर तमाम धातुओं के समान पाए जाते हैं। इनमें जाला, जीरम तथा लाइन्स होती हैं। इन्हें गहराई से परख कर ही लिया जाना चाहिए। योग्य विद्वान के परीक्षण के बिना दोषपूर्ण रत्न धारण करने से मनुष्य को लाभ की अपेक्षा हानि भी हो सकती है। खास तौर पर नीलम तथा पुखराज के मामले में सर्वाधिक ध्यान रखना चाहिए।

दोषपुर्ण पुखराज से धनहानि तथा पद प्रतिष्ठा की अवस्था प्रभावित हो सकती है। नीलम में दोष होने पर आकस्मिक घटनाक्रम की संभावना बढ़ जाती है। लोग इस की वजह से कई बार नीलम धारण करने से बचते भी हैं। उक्त दोषों के अतिरिक्त रत्नों में काले लाल पीले धब्बे होते हैं। उच्च क्वालिटी के रत्न कट, कलर तथा क्लैरिटी में फाइन होते हैं। हीरे में विशेष रूप से इन तीनों पर गंभीरता से विचार किया जाता है। हीरे के शुक्र ग्रह के लिए धारण किया जाता है। पुखराज बृहस्पति ग्रह के लिए पहना जाता है। माणिक सूर्य का रत्न है। पन्ना बुध का रत्न है।

Leave a comment

Your email address will not be published.