अपने हिंदू धर्म में भारतवर्ष में ऐसे कई बंधुओं के बारे में तो सुना ही होगा प्राचीन मंदिरों के तो आपने स्वयं दर्शन भी करे होंगे। लेकिन क्या आपने कभी ऐसा सुना है कि जहां पर मंदिर में स्वयं पूजा करता है एक भालू। जी हां ऐसा ही अद्भुत मंदिर देखने को मिला है एक मंदिर में जो कि स्थित है छतीसगढ़ के महासमुंद में घुंचापाली की पहाड़ी पर जहां पर माता चंडी की स्वयं पूजा करता है मंदिर में भालू। इस मंदिर में हर शाम भालूओं की टोली माता के दर्शन के लिए पहुंचती है और इंसानों के बीच आकर मंदिर की आरती में शामिल होती है. इन भालूओं ने आजतक किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया है. लोग बिना किसी डर के भालूओं के साथ आरती करते है.
कहते हैं कि ये सभी भालू हाथ जोड़कर माता की पूजा करते हैं और माता का प्रसाद ग्रहण करते है. यहां के लोगों का मानना हैं कि इस क्षेत्र में पहले बहुत भालू हुआ करते थे लेकिन दिखाई नहीं देते थे. अचानक कुछ सालों से भालूओं का पूरा परिवार आरती के समय में मंदिर आने लगा है. लोग भालूओं का मंदिर मेंं आना चमत्कार समझते है. कहा जाता है कि यहां स्थित मां चंडी की प्रतिमा स्वंय प्रकट हुई है.