यह बात आप सभी को पता होगी कि हिंदू धर्म में 108 उपनिषद के उल्लेख किए गए हैं और यह बात तो कर सकते हैं। कि यह ग्रंथ आदिकाल में ही लिखे गए हैं इसके पूर्णता पुष्टि हो चुकी है उन ग्रंथों में दिखेंगे बातें उस जमाने के लिए भी सार्थक थी और आज भी इन वीडियो में बताई गई बातों का आंदोलन आप अपने जीवन में भी कर सकते हैं। और आपको हमेशा सही मार्ग ही मिलेगा उन बातों से और उन ग्रंथों में कुछ ऐसे रहते हैं जिन्हें जान लेना है मनुष्य के लिए जरूरी है उनकी वेदों ने भी महत्वपूर्ण था बहुत ही उचित रूप से दर्ज की गई है।
1.ब्रम्हा एक है, उसमें चंचलता है,सबसे प्राचीन है,स्फूर्ति प्रदान करने वाला है और मन से भी तेज चलने वाला है। वह स्थिर रहने पर भी अन्य दौड़ते हुए आगे बढ़ जाता है। मां के गर्भ में रहनेवाला जीव उसी ब्रह्मा के आधर से अपने पूर्व में किए कर्म फल को प्राप्त होता है।
2.जो मनुष्य सभी प्राणियों की आत्मा के अंदर आत्मा है, ऐसा अनुभव करता है और समस्त प्राणियों में उसी एक आत्मा का विश्वासपूर्ण अनुभव करता है, उसे किसी के प्रति घृणा नहीं रहती।
3.विद्या यानी आत्मज्ञान से आत्मा की उन्नति होती है। अविद्या से सांसारिकता प्राप्त होती है। अतः इन दोनोंका फल भिन्न-भिन्न है।
4.इस परिवर्तनशील संसार में सब कुछ वस्तुएं ईश्वर ने ही बनाईं हैं और इनमें ईश्वर रहता है। जो वस्तुएं आपके पास नहीं है उसका लोभ मत करो।
5.जो लोग केवल शारीरिक बल प्रदर्शन यानी दूसरों की पीड़ा देने के लिए प्रसिद्ध हैं, जिनमें आदर्श मानवीय मार्ग को समझने की शक्ति नहीं है, वे लोग मृत्यु के बाद नर्क जाने को तैयार रहें।