सावन का पावन तो चल रहा है इस पल के दौरान हर एक भक्त भगवान शिव को मानाने का भरपूर प्रयास करता है। और पूरी कोशिश करता है कि वह किसी तरीके से अपने आराध्य को पसंद कर सके और अपना मनचाहा वरदान वाले लेकिन उसकी इज्जत दो शहद में कभी कबार गलती से उससे गलतियां हो सकती हैं उन गलतियों के कारण भगवान शिव उनसे बहुत ज्यादा रुस्ट भी हो सकते हैं। तो आप उन गलतियों को ना धो रहे हैं और उनसे सीख लेते हुए ऐसी गलती दोबारा ना करें। भगवान शिव की पूजा से संबंधित आज हम आपको एक ऐसी जानकारी दे रहे हैं, जिसमें आप ये जानेंगे कि शिवलिंग पर आपको भूलकर भी कौन-सी सात चीजें नहीं चढ़ानी चाहिए या फिर शिव जी के पूजन में इन चीजों का इस्तेमाल न किया जाए।
– शंख जल : भगवान शिव की पूजा में शंख को इस्तेमाल नहीं किया जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि भगवान शिव ने शंखचूड़ नामक असुर का संहार किया था और यह वहीं था, जो कि विष्णु जी का भक्त था। शंख से शिव जी का पूजन नहीं होता है, विष्णु जी का होता है।
– शिव जी की पूजा में तुलसी के पत्ते का इस्तेमाल भी नहीं किया जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि जलंधर नाम के असुर की पत्नी वृंदा के अंश से ही तुलसी का जन्म हुआ था और जिसे भगवान विष्णु द्वारा पत्नी रूप में स्वीकार किया गया था। इसलिए तुलसी से भी भगवान शिव का पूजन नहीं किया जाता है।
– तिल को भगवान विष्णु के मैल से उत्पन्न माना गया है। अतः इससे भी शिव जी का पूजन नहीं होना चाहिए।
– भगवान शिव हो या कोई और देवी-देवता ही क्यों न हो टूटे हुए चावल से हमें किसी का भी पूजन नहीं करना चाहिए। टूटे चावल खंडित श्रेणी में आते हैं।
– शिव जी वैरागी है और उन्हें कुमकुम भी नहीं चढ़ता है। क्योंकि कुमकुम सौभाग्य का प्रतीक होता है।
– शिव जी के पूजन में हल्दी का इस्तेमाल भी नहीं किया जाता है। क्योंकि इसे भी सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है और यह विष्णु जी को अर्पित की जाती है।
– नारियल भी शिव जी को नहीं चढ़ता है। इसे लक्ष्मी जी का प्रतीक माना जाता है और लक्ष्मी जी का संबंध विष्णु जी से हैं।